संगमेश्वर नदी पर उच्च पुलिया का नवनिर्माण हो जाएं, तो यहां के खुबसूरत नजारे, टाइगर रिजर्व, चौतरफा हरियाली, धार्मिकस्थल संगमेश्वर (समेला) महादेव मंदिर, मंदिर के निकट मिनी बांध, मेज व बेजाण दोनों नदियों का संगम सहित अन्य प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों का मनमोहित कर देगें, पर रास्ते की दुर्दशा व क्षतिग्रस्त पुलिया से इसकी खुबसूरती को जिले में पहचान नहीं मिल पा रही है।
विषधारी, डाबेटा, दरा का नयागांव, भण्डेड़ा, सादेड़ा, बांसी, गुजरियाखेड़ा, दुगारी, उरांसी, मानपुरा, डोड़ी, भजनेरी सहित अन्य गांवों के लिए भी इस रुट द्वारा आवाजाही करने पर जिला मुख्यालय की दूरी कम हो जाती है। अभी भी सैकड़ों राहगीर शॉर्टकट की वजह से रोजमर्रा ही जानजोखिम में डालकर इस रुट पर सफर करते है।