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दिनभर लगी बारिश की झड़ी

locationसवाई माधोपुरPublished: Sep 12, 2018 04:55:34 pm

Submitted by:

Subhash

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करती पदयात्री महिलाएं।

गणेश मार्ग में बारिश से बचने का जतन करती पदयात्री महिलाएं।

सवाईमाधोपुर. जिला मुख्यालय पर मंगलवार को दिनभर बारिश का दौर चलता रहा। सुबह से ही बारिश शुरू हो गई जो रुक- रुककर देर शाम तक जारी रही। मौसम विभाग के अनुसार जिला मुख्यालय पर 19 एमएम बारिश दर्ज की गई। बारिश होने से खेतों में पानी भर गया। इससे किसानों को अब फसल खराब होने की चिंताएं सतानें लगी हैं। वहीं कृषि उपज मण्डी में भी जिंसों को ढक्कर रखने के माकूल प्रबंध नहीं होने से किसानों के जिंस भीग गए। इससे किसानों को परेशानी हुई। मौसम विभाग के अनुसार जिला मुख्यालय पर बारिश का दौर आगे भी जारी रहेगा।

सड़कों पर भरा पानी
बारिश के चलते विकास कार्यांे की पोल भी खुलती नजर आई। सड़कों पर जगह- जगह पानी भर गया। गड्डे नजर नहीं आने से वाहन चालकों व राहगीरों को भी परेशानी हुई।

चौथ का बरवाड़ा. कस्बे में मंगलवार सुबह से ही रुक रुककर रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। लगातार बारिश से किसान भी चिंतित होने लगे हैं। किसानों ने बताया कि खेतों में पानी जमा होने से फसलों को नुकसान हो रहा है।

बीमा क्लेम की राशि 32 हजार का भुगतान के निर्देश
सवाईमाधोपुर. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष ने बीमा कंपनी को आदेशित कर परिवादी को बीमा क्लेम की राश 32 हजार रुपए का भुगतान करने के निर्देश दिए। परिवादी विपक्षी कंपनी से मानसिक संताप एवं परिवादी व्यय स्वरुप 5 हजार रुपए की राशि प्राप्त करने का अधिकारी है। मंच ने आदेशों की दो माह में पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए है।

यह था मामला : एडवोकेट महेन्द्र वर्मा ने बताया कि परिवादी विनोद कुमार कश्यप निवासी शास्त्री पार्क नसिया कॉलोनी कीर पाड़ा गंगापुर सिटी ने विपक्षी बीमा कंपनी से मोटर साइकिल का बीमा 3 जुलाई 2015 से 2 जुलाई 2017 की अवधि में कराया था। 10 मार्च 2016 को मोटर साइकिल परिवादी का मित्र महेश गुप्ता ले गया। उसने मोटर साइकिल को किसी के पास खड़ी कर दी। 15-20 मिनट बाद वापस आया तो बाइक वहां नहीं मिली। इस पर उसने पुलिस थाने व बीमा कंपनी के एजेंट व महाप्रबंधक को सूचना दी। इसपर 16 मार्च को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। उसके बाद परिवादी ने दस्तावेजों सहित क्लेम विपक्षी बीमा कंपनी को पेश किया। विपक्षी द्वारा गलत तथ्य बताकर क्लेम 23 मार्च 2017 को खारिज कर परिवादी को सूचित किया। इसमें एफआईआर व बीमा कंपनी को सूचना देना देरी से देना बताया।
जब कि परिवादी ने अविलम्ब पुलिस में लिखित व बीमा कंपी को मौखिक सूचना दी। विपक्षी बीमा कंपनी का सेवादोष बताते हुए परिवाद में बीमा क्लेम राशि 32 हजार रुपए तथा मानसिक संताप एवं परिवाद व्यय स्वरूप राशि दिलाने का अनुतोष चाहा। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र व दस्तावेज पेश किए। विपक्षी कंपनी की ओर से जबाव पेश कर कहा कि परिवादी द्वारा पुलिस स्टेशन पर घटना की रिपोर्ट 6 दिन बाद देरी से 16 मार्च 2016 को कराई है।
विपक्षी बीमा कंपनी को 15 नवम्बर 2016 को घटन के करीब 8 माह बाद सूचना दी। इसप्रकार परिवादी द्वारा बीमा पॉलिसी शर्तों का उल्लघंन किए जाने से बीमा क्लेम खारिज किया गया। विपक्षीगण का कोई सेवा दोष नहीं है। जवाब में परिवाद में मय खर्चा खारिज करने की प्रार्थना की। जवाब के समर्थन में विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से मोहनलाल नामा का शपथ पत्र व फोटा प्रति पेश किया गया।
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