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पानी के लिए लोग हो रहे हैं परेशान, टैंकर से नहीं हुआ जल परिवहन शुरू

गेण्डोली की झोपडिय़ां गांव स्थित बंजारा बस्ती के वाशिंदों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व सरपंच मदन गुर्जर ने बताया कि बंजारा बस्ती में पेयजल के लिए एक हैण्डपम्प है, जिसमें कुछ देर पानी आने के बाद हवा फैंकना शुरू कर देता है। लोगों को पीने का पानी जुटाने के लिए घंटों तक मशक्कत करनी पड़ती है। बस्ती को नहाने एवं मवेशियों को पानी पिलाने के लिए दो किलोमीटर दूर मेज नदी में जाना पड़ रहा है।

बूंदीApr 28, 2024 / 07:21 pm

पंकज जोशी

पानी के लिए लोग हो रहे हैं परेशान, टैंकर से नहीं हुआ जल परिवहन शुरू

गेण्डोली। गेण्डोली की झोपड़ियां गांव में हैंडपंप पर पानी भरते हुए

गेण्डोली. गेण्डोली की झोपडिय़ां गांव स्थित बंजारा बस्ती के वाशिंदों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व सरपंच मदन गुर्जर ने बताया कि बंजारा बस्ती में पेयजल के लिए एक हैण्डपम्प है, जिसमें कुछ देर पानी आने के बाद हवा फैंकना शुरू कर देता है। लोगों को पीने का पानी जुटाने के लिए घंटों तक मशक्कत करनी पड़ती है। बस्ती को नहाने एवं मवेशियों को पानी पिलाने के लिए दो किलोमीटर दूर मेज नदी में जाना पड़ रहा है
गांव में पानी की स्थिति गंभीर बनी हुई है, कुछ बोरिंग चल रहे हैं, जिससे लोग पानी भर रहे हैं यहां पर आजकल में टैंकर चलाने की बात थी, लेकिन शुरू नहीं हुई है। विभाग को तत्काल प्रभाव से टैंकरों से जलापूर्ति करवानी होगी।
धनराज सैनी, सरपंच ग्राम पंचायत उमर।

हिण्डोली. फौजियों के गांव उमर में जल संकट गहराने से महिलाओं व पुरुषों को निजी बोरिंग से पीने का पानी भरकर लाना पड़ रहा है। यहां पर जलदाय विभाग द्वारा टैंकरों की स्वीकृति के बाद भी टैंकर से जल परिवहन शुरू नहीं हो पा रहा है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है।
जानकारी अनुसार उमर पंचायत मुख्यालय दो भागों में बंटा हुआ है। निचलापाड़ा एवं उपला पाड़ा, लेकिन इस बार दो स्थानों पर पानी की गंभीर समस्या होने से दोनों मोहल्ले में लोग परेशान हैं। यहां पर सरकारी बोरिंग व हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है। गांव में तीन-चार निजी व सरकारी बोरिंग से गांव की महिलाएं पुरुष पीने का पानी भरकर लाते हैं। यहां की महिलाओं का कहना है कि सुबह उठते ही उन्हें पानी की चिंता बनी रहती है।
सबसे पहले पीने का पानी भरकर घर लाती है। उसके बाद दिन के नित्य कार्य शुरू करती है। उमर के पूर्व सरपंच खेमराज मीणा ने बताया कि गांव में महिलाएं -पुरुष पानी को लेकर काफी परेशान है। जलदाय विभाग के अधिकारियों को यहां पर टैंकर लगाने की मांग की गई है,लेकिन अभी तक भी टैंकर नहीं लगाए। संवेदक को गत दिनों टैंकर से जल परिवहन की व्यवस्था करने को कहा था, लेकिन टैंकर से जल परिवहन करने वाले कोई नहीं मिल रहे हैं । सूत्रों ने बताया कि पूर्व के वर्षों में प्रति 100 लीटर पानी पर 90 रुपए के टेंडर थे, लेकिन इस बार 60 रुपए ही है। ऐसे में तीन सौ रुपए में टैंकर से जल परिवहन करने में परेशानी हो रही है।
डेढ़ करोड़ खर्च, फिर भी पानी नहीं
ग्राम उमर में गंभीर जल संकट को देखते हुए जलदाय विभाग द्वारा यहां पर करीब डेढ करोड रुपए की पेयजल योजना स्वीकृत कर बटवाड़ी के पास से टंकी का निर्माण कर पाइप लाइन गांव तक बिछाई गई थी, लेकिन यह योजना शुरू से ही विवादित रही। यहां पर लगे सीमेंट के पाइप उखाड़ कर ले गए। बाद में लोहे की पाइप भी डाले, लेकिन जलापूर्ति पूरी नहीं हुई। पानी की टंकी भी बेकार पड़ी है। यहां की मोटर भी पंचायत में रखी हुई है। ऐसे में लाखों की लागत की योजना बर्फ में चली गई है।

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