न्यूयॉर्क टाइमस ने भारतीय उपमहाद्वीप का बड़ा नक्शा प्रकाशित कर एक ओर आजादी के उत्सव और दूसरी ओर देश के विभाजन की दुखद खबरों का प्रमुखता दी थी। राष्ट्रीयता लेकर रियासतों के राजाओं के अनिर्णय की स्थिति को देखते हुए उसे भारत के मानचित्र पर दर्शाया। हैदराबाद और कश्मीर जैसे राज्यों को भारत के नक्शे में नहीं दिखाया गया था क्योंकि दोनों रियासतों ने तब तक अपना मन नहीं बना पाए थे।
वाशिंगटन पोस्ट ने फ्रंट पेज पर देश के व्यापक हिस्सों में रक्तपात, हत्या और आतंक की खबरों को प्रमुखता दी थी। समाचार पत्र ने हत्या और हिसां के बीच आजादी के जश्न को जंगली आनंद का उत्सव करार दिया था। लाल किले के प्राचीर से नेहरू के भाषणों और पंजाब में अखबारों को जलाने की घटना का भी जिक्र किया।
द शिकागो ट्रिब्यून ने लॉर्ड माउंटबेटन का भारत के पहले गवर्नर जनरल के शपथ ग्रहण को प्रमुख देते हुए पंजाब में हत्या की दरों और गांधी की भूमिका का जिक्र किया था। भारत और पाकिस्तान को हिंदू भारत और मुस्लिम पाकिस्तान की संज्ञा तक दे डाली थी। इस अखबार ने दूसरे पेज केवल पाकिस्तान को जगह दी। जिन्ने से अपील की कि तुम्हें मुस्लिम राज्य पाकिस्तान के सपने को साकार करना होगा।
आयरिश टाइम्स ने लिखा कि भारत ने लंबे संघर्ष के बाद आजादी के लक्ष्य को हासिल की है। अखबार ने नई दिल्ली की संसद भवनों के गुंबंदों के उुपर आधी रात के नजारे के साथ दुनिया के सामने रखने का काम किया था। टाइम्स का हेडलाइन भारत ब्रिटिश नियंत्रण से मुक्ति के बाद आजादी का जश्न मना रहा है, दिया था।
डेली टेलीग्राफ ने अपने फ्रंट पेज पर भारत के आजादी के जश्न को प्रकाशित किया। ब्रिटिश और भारतीय राजनेताओं के बीच जारी बातचीत को प्रमुखता दी। इस बात का भी जिक्र किया कि भारतीय नेताओं के एक वर्ग ने ब्रिटिश हुकूमत की तारीफ भी की। लखनउु रेजिडेंसी के समाप्ति का एक बड़ा फोटोग्राफ भी टेलीग्राफ ने प्रकाशित किया था।