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स्थाई कर्मचारी नहीं, फिर भी मंडी से डेढ़ करोड़ की आय

स्थाई कर्मचारी नहीं होने के बावजूद स्थानीय कृषि उपज मंडी में गत वित्तीय वर्ष में 153.52 लाख रुपए का राजस्व मिला,जबकि पिछले वर्ष यह 147.11 लाख रुपए था। मंडी शुल्क से आय में बढ़ोतरी हुई, लेकिन इसकी सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं हुआ।

बूंदीApr 30, 2024 / 06:49 pm

पंकज जोशी

स्थाई कर्मचारी नहीं, फिर भी मंडी से डेढ़ करोड़ की आय

देई. कृषि उपज मंडी।

देई. स्थाई कर्मचारी नहीं होने के बावजूद स्थानीय कृषि उपज मंडी में गत वित्तीय वर्ष में 153.52 लाख रुपए का राजस्व मिला,जबकि पिछले वर्ष यह 147.11 लाख रुपए था। मंडी शुल्क से आय में बढ़ोतरी हुई, लेकिन इसकी सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं हुआ। मंडी में अब तक स्थाई कर्मचारी नहीं लगा। संविदा कर्मियों के भरोसे ही मंडी का कामकाज चल रहा है।
वित्तीय वर्ष 2017-18 में 110.34 लाख रुपए मंडी को आय थी, लेकिन अगले वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह घटकर 103.38 लाख रुपए रह गई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बढक़र 224.82 लाख रुपए रही, जो अगले वित्तीय वर्ष में घटकर आधी रह गई। यह 112.75 लाख रुपए ही रह गई। इसके बाद से लगातार मंडी शुल्क में बढोतरी हो रही है। पिछले सत्र के अप्रेल माह में सबसे ज्यादा 36.11 लाख रुपए का शुल्क मिला।
दलहन की सबसे ज्यादा आवक
कृषि उपज मंडी मे सबसे ज्यादा दलहन और तिलहन की आवक होती है। वर्ष 2023-24 में मंडी में सबसे ज्यादा 1 लाख 44 हजार 900 क्विंटल सरसों की आवक हुई। उड़द 69 हजार 942 क्विंटल उड़द, 9 हजार 548 क्विंटल, 31 हजार 671 क्विंटल मक्का, 74 हजार 524 क्विंटल गेहूं, 29 हजार 514 क्विंटल चना, 6 हजार 236 क्विंटल मसूर और 67 हजार 495 क्विंटल सोयाबीन की आवक हुई।
जर्जर हुए प्लेटफार्म
मंडी परिसर में तीन प्लेटफार्म बने हुए है। तीनों ही जर्जर हालत में है। इनमें सरिए निकले हुए है। ये कई जगह से टूट गए है। एक प्लेटफार्म पर तो नीचे का फर्श टूटा हुआ होने से इसे दुपहिया वाहनों को खड़ा करने के लिए काम में लिया जा रहा है। मंडी में पार्किग स्थल नहीं होने से यहां आने वाले दुपहिया वाहनों को गेट के पास रास्ते पर ही खड़ा करने से जाम की स्थिति बन जाती है।
डोम बने तो मिले राहत
कृषि उपज मंडी देई परिसर में लम्बे समय से डोम निर्माण की मांग उठाई जा रही है। डोम निर्माण से किसानों का जिंस बरसात के मौसम में सुरक्षित रहेगा। मंडी परिसर में सीसी निर्माण होने पर किसानों को जिंस के ढेर करने के लिए ज्यादा जगह मिलेगी।
जीरो स्टाफ का संचालन
कृषि उपज में आठ कर्मचारियों के पद सृजित है, लेकिन सभी पद रिक्त चल रहे है। यहां पर मंडी सचिव का अतिरिक्त कार्यभार उ नियारा कृषि उपज मंडी सचिव के पास है, जबकि कर्मचारियों में 4 कनिष्ठ लिपिक, 1 चौकीदार, 1 चपरासी, 1 जलवाहक, 1 सूचना सहायक का पद सृजित है, लेकिन सभी पद रिक्त चल रहे है। मंडी में प्लेसमेंट एजेन्सी के तहत काम कर रहे कर्मचारी कार्य कर रहे है। यहां और नए पदों के सृजन की आवश्यकता है। लेकिन पहले से सृजित पदों पर ही कर्मचारी नहीं होना नुकसानदायक साबितर हो रहा है।
स्थाई रूप से अधिकारी कर्मचारी की नियुक्ति होने पर मंडी में आने वाली समस्याओं के निस्तारण होगा। इसके साथ ही राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
राजकुमार जैन, अध्यक्ष मंडी व्यापार मंडल

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