सुश्री सैलजा ने कहा कि अवैध खनन करने वालों को सरकार में बैठे लोगों की पूरी शह है। अवैध खनन से चरखी दादरी में भूमिगत जल दूषित करने से मानव जीवन के साथ ही जीव-जंतुओं को भी नुकसान पहुंचने की आशंका बनी हुई है। उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स की रिपोर्ट से खुलासा होता है कि रामलवास व मानकावास में तीन स्थानों पर नियमों को ताक पर रखते हुए अत्यधिक गहराई तक खनन किया गया है। इससे भूमिगत जल भी बाहर आने लगा है। विस्फोट व खुदाई के चलते भूमिगत जल दूषित हो रहा है। लेकिन, अभी तक सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है व दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी शुरू नहीं की है।
सुश्री सैलजा ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब अवैध खनन की पोल खोलती कोई रिपोर्ट आई हो। ऐसी रिपोर्ट बार-बार सामने आती हैं, लेकिन मिलीभगत के कारण गठबंधन सरकार में बैठे लोग इन्हें दबा देते हैं और किसी के भी खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने देते। उन्होंने कहा कि पिछले साल एनजीटी ने महेंद्रगढ़ व दादरी जिले के क्रेशरों पर 70 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना लगाया, जबकि सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने एनजीटी को गलत रिपोर्ट देकर गुमराह किया ताकि अवैध खनन और फिर इसकी क्रशिंग का सिलसिला बिना रोकटोक चलता रहे।