हीमोफिलिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इसके लक्षण पुरुष में मिलते हैं, लेकिन महिलाओं से परिवार में यह बीमारी आगे बढ़ती है। बच्चा जब जन्म लेता है तो रक्त का स्त्राव अधिक होता है। स्कीन में दाग धब्बे व जोड़ों में खून एकत्रित हो जाता है। जब ऐसे व्यक्ति को कोई चोट लगती है तो उसके शरीर से रक्त का स्त्राव अधिक होता है। इलाज के लिए जांच जरूरी डॉ. मीणा ने बताया कि जिनके माता-पिता यदि हीमोफिलिया से पीडि़त हैं तो बच्चों का स्क्रीनिंग टेस्ट भी जरूरी है। इलाज के लिए ब्लड का फैक्टर चढ़ाना होता है। इसके लिए 2 से 3 घंटे का समय लगता है। हीमोफिलिया के लिए मरीजों के एक लाख रुपए का खर्चा आता है, लेकिन एमबीएस अस्पताल में इंजेक्शन, दवाइयां मरीजों के लिए नि:शुल्क हैं।