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प्रोफेसर विजय शंकर व्यास का निधन, बीकानेर से था कुछ ऐसा नाता

locationबीकानेरPublished: Sep 12, 2018 06:28:46 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के दो बार सदस्य रहे प्रोफेसर विजयशंकर व्यास का जयपुर में निधन हो गया।

death of Professor Vijayashankar Vyas

प्रोफेसर विजय शंकर व्यास का निधन, बीकानेर से था कुछ ऐसा नाता

बीकानेर. प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के दो बार सदस्य रहे प्रोफेसर विजयशंकर व्यास का बुधवार सुबह जयपुर में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी व दो पुत्र हैं। व्यास के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार प्रो. व्यास की सुबह अचानक तबियत बिगड़ी और उन्होंने प्राण त्याग दिए। प्रो. व्यास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रहे। वे राजस्थान राज्य प्लानिंग बोर्ड के पहले अध्यक्ष थे। इसके अलावा उन्होंने भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) अहमदाबाद के निदेशक व विश्व बैंक में भी सेवाएं दीं।
प्रोफेसर विजयशंकर व्यास का बीकानेर से भी गहरा जुड़ाव रहा। आचार्यों के चौंक की एक संकरी गली में स्थित अपने नाना स्वर्गीय जेसराज आचार्य के घर जन्मे प्रो व्यास की प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर में ही हुई। इन्होने बीकानेर में युवाओं के विकास के लिए अजीत फाउंडेशन की स्थापना की। ये फाउंडेशन करीब दो दशकों से काम कर रहा है।

प्रो. व्यास द्वारा ग्रामीण विषयों के व्यापक अध्ययन की परियोजनाएँ उस समय प्रारम्भ की गई, जब उन्होंने सरदार बल्लभाई पटेल विश्वविधालय, बल्लभ विद्यानगर के अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर का कार्य भार संभाला। बल्लभ विधानगर में एग्रोइकनामिक रिसर्च सेंटर गुजरात, राजस्थान की स्थापना हुई जिसके प्रमुख प्रो. व्यास को बनाया गया। एग्रोइकनामिक रिसर्च सेंटर के अन्तर्गत राजस्थान एवं गुजरात के ग्रामीण विकास एवं गांव की समस्याओ के विभिन्न मुद़दों पर अनेकों अध्ययन किये गये। इन अध्ययन का महत्व राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया। एग्रोइकनामिक रिसर्च सेंटर के कार्य के दौरान गांव की समस्याओं की गहराई में जाने का अवसर मिला।
कुमारप्पा ग्राम स्वराज्य संस्थान की स्थापना के बाद भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से ली गई अध्ययन परियोजनाओ में प्रो. व्यास एवं बल्लभ विधानगर के अध्येताओं पूरा सहयोग मिला। बाद में प्रो. व्यास भारतीय प्रबन्ध संस्थान, अहमदाबाद से जुड़ गए तथा अध्यापन एवं वर्षो तक निदेशक की जिम्मेदारी निभाई। यहाँ कार्य करते हुए कृषि अर्थशास्त्र के अध्ययन एवं अध्यापन के उनके योगदान को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली।
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