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“ट्वैल्व एंग्री मैन” कोर्ट रूम ड्रामा नहीं, विचारों की लड़ाई है

locationजयपुरPublished: Mar 15, 2019 08:37:29 pm

Submitted by:

Anurag Trivedi

रणजीत कपूर के अनुवादित नाटक का एनएसडी ग्रेजुएट विशाल विजय ने तैयार किया नाटक, जयपुर थिएटर के 12 युवा कलाकारों का मंच पर दिखेगा प्रोफेशनल अंदाज, 17 और 18 मार्च को जेकेके में खेला जाएगा नाटक

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“ट्वैल्व एंग्री मैन” कॉर्ट रूम ड्रामा नहीं, विचारों की लड़ाई है

जयपुर| राजस्थान यूनिवर्सिटी के लाइफ लॉन्ग लर्निंग डिपार्टमेंट का 222 नम्बर कमरे में अचानक 12 लोग सूट-बूट पहने एंट्री लेकर अलग-अलग चेयर पर बैठ जाते है, इनके आने के दौरान महिला की आवाज में कहा जाता है कि आप बारह सज्जन, पूरे मुकदमे की बारीकियों पर एक साथ बैठकर गौर करेंगे और सच्चाई पर पहुंचने की कोशिश करेंगे। इस दौरान अगर कोई माकूल शक आप लोगों को नजर आता है और दलीलों की कसौटी पर खरा उतरता है, तो आप बेकसूर का फैसला दे सकते हैं और अगर मुलजिम को कसूरवार ठहराते हैं, तो एेसी सूरत में बैंच रहम की कोई सिफारिश मंजूर नहीं करेगी और मुलजिम फांसी के तख्ते पर जाएगा। इस माहौल को सुनने के बाद 12 सदस्यीय जूरी एक एेसे मुकदमे पर चर्चा करती है, जिसमें एक १९ साल के लड़के पर अपने पिता का कत्ल करने का इल्जाम है। यहां से नाटक शुरू होता है, पहले चरण में 11 सदस्य लड़के को गिल्टी बताते हैं और 1 सदस्य नॉट गिल्टी बताता हैं। यहां से एक-एक सदस्य की दलीलें, सबूतों पर चर्चा और हत्या के मकसद पर चर्चा होती है। यह पूरा वाकया नाटक ‘ट्वैल्व एंग्री मैन” का होता है, जिसे एनएसडी ग्रेजुएट विशाल विजय ने तैयार किया है।
सभी कलाकार लीड
यह एक एेसा नाटक प्रतीत होता है, जिसमें सभी एक्टर्स को बराबर तवज्जो दी जाती है। इसमें कहीं भी यह नजर नहीं आता है कि मुख्य अभिनेता कोई एक व्यक्ति है। डायलॉग से लेकर मूवमेंट तक सभी की बराबरी सी प्रतीत होती है। इसलिए यह सभी एक्टर्स के लिए चुनौतीपूर्ण भी होता है कि क्योंकि सब अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं। विशाल ने जयपुर थिएटर के 12 एक्टर्स के साथ जमकर एक्सपेरिमेट्स किया है। इस नाटक को 17 और 18 मार्च को जवाहर कला केन्द्र में प्रस्तुत किया जाएगा। इस नाटक में संचित जैन, राजेश कसाना, योगेन्द्र सिंह, चित्रार्थ मिश्रा, शकील कुरैशी, पारस बिश्नोई, निशांत कुमार, संदीप मिश्रा, विपिन चौधरी, विशाल हंसराजानी, नीरज बिश्नोई और गौरव सोनी शामिल है।
नाटक का इतिहास
1954 में रेजीनॉल्ड रोज ने अमरीकी टेलीविजन के लिए एक नाटक लिखा था ’12 एंग्री मैनÓ। इसी नाटक पर सिडने लुमिट ने 1957 में हॉलीवुड में इसी शीर्षक से फि ल्म बनाई थी, जिसमें 12 सदस्यीय जूरी मेम्बर 19 साल के एक युवा को बेकसूर साबित करते हैं, जिस पर अपने पिता की हत्या करने का आरोप है। अस्सी के दशक के मध्य में रंजीत कपूर ने उसी अंग्रेजी नाटक का हिन्दी में रुपांतरण करके ‘एक रुका हुआ फैसला” नामक नाटक की रचना की थी। इसी नाटक पर बासु चटर्जी ने रंजीत कपूर से मिलकर फिल्म बनाई, जिसमें पंकज कपूर, अमिताभ श्रीवास्तव, अनु कपूर, एम.के. रैना, एसएम जहीर जैसे एक्टर्स नजर आए थे।

विशाल विजय ने कहा कि यह नाटक काफी चुनौतीपूर्ण रहा है, तीन महीने की मेहनत के बाद इसे तैयार किया गया है। जयपुर थिएटर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, एेसे में एक्टर्स ने इस नाटक के प्रति गजब का उत्साह दिखाया है। रंजीत कपूर ने हमें यह नाटक करने की अनुमति दी थी और तब से ही इसे करने को लेकर उत्साहित था।

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