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बच्चे स्कूल जा सकें इसलिए ग्रामीणों ने बना डाला 30 मीटर लंबा पुल, सरकार ने नहीं सुना था दर्द

locationसोनभद्रPublished: Sep 15, 2018 07:37:31 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

गांव के लोगों ने प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को आईना दिखा दिया है

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सरकार ने नहीं सुनी तो बच्चों को स्कूल भेजने के लिए ग्रामीणों ने बना डाला 30 मीटर लंबा पुल

सोनभद्र. जिले के म्योरपुर ब्लॉक के रिहंद जलाशय की तलहटी में बसा छोटा सा गांव पिण्डारी में ग्रामीणों के गुस्से ने विकास की धारा में एक नया नाम जोड़ दिया है। जिससे या तो शासन को कुछ सीखना चाहिए या तो सीधे उनको ग्रामीणों से ही विकास कार्य कराना चाहिए। बताते चले कि ग्रामीणों 30 मीटर लंबी लकड़ी का पुलिया बना कर जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को आईना दिखा दिया है। इन लोगों को कहना है कि पुलिया टूट जाने के बाद हमारे बच्चों का स्कूल जाना नहीं हो पाता था।
बतादें कि भारी बारिश में बिच्छी नदी पर बनी पुलिया तकरीबन डेढ़ महीने पहले टूट गई थी। नेताओं से लेकर प्रशासन तक से इसे बनवाने के लिए ग्रामीणों ने कई बार कहा। लेकिन इनकी बातों के अनसुना कर दिया गया। पुलिया पाने के कारण एक तो गांव को संपर्क टूट गया दूसरे दवा, इलाज और स्कूल सब कुछ जाने पर संकट लग गया। गांव के लोग परेशान हो गये।
ग्रामीणों ने सप्ताह भर पहले गांव में बैठक की। जिसमे गांव के सैकड़ों छात्रों के महीनों से स्कूल न जा पाने और कई तरह के काम न होने को लेकर चिंता जताई गई । इसका मात्र एक ही कारण था गांव से पिण्डारी जाने वाले रास्ते का पुलिया टूट जाने से महीने भर से बच्चें घर बैठ गए थे। जो गांव के लिए दर्द बन गया था। लोगों ने फैसला कर लिया ने एकजुटता दिखाते हुए 30 मीटर लंबी लकड़ी की पुलिया बना कर जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को आईना दिखा दिया।
प्रधान ने बताया कि कई बार ब्लॉक के अधिकारियों और तहसील दिवस तक गुहार लगाया। जब अधिकारियों से बात ना बनी तो क्षेत्रीय नेताओं से भी बात की गई पर सबने आश्वासन दिया कि अब बरसात बाद ही कोई काम हो सकेगा। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई को लेकर हम लोगो ने यही विकल्प चुना और उस पर अमल भी किया। इस संवेदनशील मुद्दे पर अभी तक विभागीय अधिकारियों का ध्यान नही गया है। पुल टूटने की वजह से विकास कार्य प्रभावित हो रहा था।

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