ग्रामीणों ने सप्ताह भर पहले गांव में बैठक की। जिसमे गांव के सैकड़ों छात्रों के महीनों से स्कूल न जा पाने और कई तरह के काम न होने को लेकर चिंता जताई गई । इसका मात्र एक ही कारण था गांव से पिण्डारी जाने वाले रास्ते का पुलिया टूट जाने से महीने भर से बच्चें घर बैठ गए थे। जो गांव के लिए दर्द बन गया था। लोगों ने फैसला कर लिया ने एकजुटता दिखाते हुए 30 मीटर लंबी लकड़ी की पुलिया बना कर जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को आईना दिखा दिया।
प्रधान ने बताया कि कई बार ब्लॉक के अधिकारियों और तहसील दिवस तक गुहार लगाया। जब अधिकारियों से बात ना बनी तो क्षेत्रीय नेताओं से भी बात की गई पर सबने आश्वासन दिया कि अब बरसात बाद ही कोई काम हो सकेगा। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई को लेकर हम लोगो ने यही विकल्प चुना और उस पर अमल भी किया। इस संवेदनशील मुद्दे पर अभी तक विभागीय अधिकारियों का ध्यान नही गया है। पुल टूटने की वजह से विकास कार्य प्रभावित हो रहा था।