पधानमंत्री ने कहा कि मैं रॉबर्ट्सगंज में उस समय आया हूं। जब देश का एक बड़ा हिस्सा फिर एक बार – मोदी सरकार बनाने के लिए निश्चय कर चुका है। कोई भी देश कमजोर सरकारों के रहते शक्तिशाली नहीं बन सकता है। कहा कि जितनी ज्यादा मजबूत सरकार उतना ही शक्तिशाली भारत। आपका एक वोट देश में शक्तिशाली भारत का गठन करेगा, ये सरकार देश को उस ऊंचाई पर ले जाएगा जिसका वो हकदार है।
मजबूत सरकारें में बड़े फैसले करने की हिम्मत उन्होंने कहा कि आज ही के दिन यानि 11 मई को 21 साल पहले आज ही के दिन भारत ने परमाणु परीक्षण किया था। ऑपरेशन शक्ति को सफलतापूर्वक पूरा किया था। मैं उन सभी वैज्ञानिकों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपनी मेहनत से देश को गौरवान्वित किया। 1998 की ये ऐतिहासिक घटना बताती है कि एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति देश की सुरक्षा के लिए क्या कुछ कर सकती है। इस परीक्षण से ये साफ हो चुका है कि भारत के पास इतना बड़ा सामर्थ्य पहले से था लेकिन वाजपेयी सरकार से ठीक पहले की सरकार में ऐसा करने की हिम्मत नहीं थी। मजबूत सरकारों में ही बड़े फैसले करने की हिम्मत होती है।
महामिलावटियों की सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उन्होंने कहा कि जब भी देश में महामिलावटी सरकार होती है तो वो राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डाल देती है। तीसरे मोर्चे की महामिलावटी सरकार याद कीजिये। समाजवादी पार्टी मंत्रिमंडल में थी, तब इन्होंने देश का क्या हाल कर दिया था? कई लोगों ने इस बारे में बहुत कुछ लिखा है। अगर आप पढ़ेंगे तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। महामिलावटी सरकार ने हमारे खूफिया तंत्र को अंदर से खोखला कर दिया था। इसका खामियाजा पूरे देश को लम्बे समय तक भुगतना पड़ा। मोदी ने कहा कि आपके इस चौकीदार ने चुपचाप बैठकर मार खाने की रणनीति को बदल दिया है। अब भारत आतंकियों को घर में घुसकर मारता है।
कमजोर सरकार ने देश की साख को दांव पर लगा दिया अटल जी की सरकार के बाद देश ने फिर ऐसी कमजोर सरकार देखी। ऐसे महामिलावटी लोगों की सरकार देखी, जिसने देश की साख को दांव पर लगा दिया। इतना भ्रष्टाचार, लाखों करोड़ों के घोटाले, आसमान छूती महंगाई, हर तरफ जैसे त्राहि-त्राहि मची हुई थी। 21वीं सदी के अहम समय में भारत के वो 10 साल बर्बाद हो गए। लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों को इसका मलाल नहीं है। सैम पित्रोदा के बयान पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि उनके तो सोचने का तरीका ही है “हुआ तो हुआ”। देश घोटालों से घिर गया, देश का नाम दुनिया भर में बदनाम हुआ, लेकिन वो कहते रहे “हुआ तो हुआ”।
कहा अहंकार बोलता है ‘हुआ तो हुआ’ देश घोटालों से घिर गया, देश का नाम दुनिया भर में बदनाम हुआ, लेकिन वो कहते रहे- ‘हुआ तो हुआ’। सत्ता के गलियारों पर दलालों ने कब्जा कर लिया, रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने वाले देश को आगे बढ़ाने के लिए बड़े फैसले नहीं ले पाए और कहते रहे- ‘हुआ तो हुआ। कहा कि देश के लोगों के साथ कांग्रेस ने विश्वासघात किया। उम्मीदों को तोड़ा और ताल ठोककर कहते रहे हुआ तो हुआ। जब राष्ट्रहित के बजाय, सिर्फ अपने परिवार का हित सर्वोपरि होता है, तो यही अहंकार, यही घमंड बोलता है “हुआ तो हुआ”।
गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि सपा-बसपा, जिन्होंने पहले यूपी को बर्बाद किया वो अब खुद को बर्बादी से बचाने के लिए गले मिल रहे हैं। जो पहले एक दूसरे को जेल भेजना चाहते थे वो आज उन्हें महल में भेजना चाहते हैं। सवाल किया कि देश को मजबूत बनाने का उनका क्या तरीका होगा। वो आतंकवाद से कैसे निपटेंगे। इसके बारे में न तो बुआ बोलेंगी और न ही बबुआ। कहा कि मेरी जाति को लेकर अब शुरू किया है। कान खोलकर सुन लो मेरी जाति वही है जो गरीबों की जाति है। महामिलावटियों का एक ही सिद्धांत है, जहां वोट नहीं, वहां विकास नहीं। आपके इस सेवक ने राजनीति की इस सोच को बदलने का प्रयास किया है।
गरीबों से जुड़े हर काम का मजाक ड़ाया गया सोनभद्र को इन लोगों ने भ्रष्टाचार और अनदेखी का शिकार बनाया है। इन लोगों ने यहां की संपदा में लूट-खसूट को अपनी नीति का हिस्सा बना लिया था। अब योगी जी की सरकार इस पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। विकास के हर प्रयास का विरोध इन महामिलावटी लोगों की आदत है। जन धन योजना हो, स्वच्छ भारत अभियान हो, स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं हों, घर बनाने से जुड़ी योजनाएं हों, गरीबों से जुड़े हर काम पर इन लोगों ने हमारा मजाक उड़ाया है या काम को रोकने की कोशिश की है।
सरदार पटेल की प्रतिमा का भी विरोध किया सरदार पटेल अगर देश के प्रधानमंत्री होते तो देश के किसानों की स्थिति कुछ ओर होती। हमने गुजरात में सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई तो ये लोग उसका भी विरोध करने लगे। दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण हम सभी के लिए गर्व की बात है। लेकिन ये महामिलावटी कहते हैं कि हमने गलत किया।