बादलों की आवाजाही जारी मौसम विभाग (Monsoon Update) के मुताबिक पिछले पांच दिनों से मानसून (Monsoon) की लगातार सुस्ती उसकी वापसी के संकेत दे रही है। विभाग (IMD Update) के अनुसार इस साल मानसून की सबसे ज्यादा देरी से वापसी शुरु हुयी है। इससे पहले साल 1961 में एक अक्टूबर को मानसून की वापसी शुरु हुयी थी जबकि 2007 में 30 सितंबर और 2018 में 29 सितंबर को मानसून की वापसी शुरु हुयी थी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मानसून की मौजूदा गतिविधि को देखते हुये उसकी 20 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापसी संभावित है। इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में आंतरिक बादल भले ही दिखेंगे मगर बारिश की संभावना कम ही है।
इन इलाकों में बने रहेंगे बादल मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक पूर्वी भारत के राज्यों में कई जगहों पर मौसम में उथल-पुथल की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश समेत बिहार के पूर्वी हिस्सों में भी एक दो स्थानों पर बारिश होने का पूर्वानुमान है। इस दौरान लखनऊ, सीतापुर, पटना, गाजीपुर, वाराणसी, जमशेदपुर, गया, आजमगढ़, जौनपुर, प्रतापगढ़ सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित बिहार में बाकी हिस्सों में आंतरिक बादल दिखेंगे। मानसून सीजन अक्टूबर तक एक्टिव रहने के चलते साइक्लोन के साथ मानसूनी हवाएं चल रही हैं। इसके चलते मौसम में बदलाव आया। वेस्टर्न डिस्टरबेंस इन हवाओं को सपोर्ट कर रहा है। यही वजह है कि इस बार मॉनसून तय समय से थाेड़ा और आगे बढ़ गया है।