घटना के बाद जिले के प्रशासनिक अफसरों ने कहा कि ग्रामीणों की मदद से सभ्ीा आठ व्यक्तियों को बचा लिया गया है। उन्होंने ग्रामीणों की हिम्मद को सराहा।
बताया जाता है कि जिस दौरान यह हादसा हुआ सीएम की जनसभा महज कुछ मीटर की दूरी पर ही चल रही थी और ऐसे में भी इमरजेंसी सेवा का न होना सिर्फ और सिर्फ लापरवाही का एक बड़ा नमूना है। दरअसल, नदी में डूबने के हादसे के वक्त वहां एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद नहीं थी, जो नदी में डूबे लोगों को बचा सकती।
नदी के पास मौजूद लोगों ने नाव पलटते देखा तो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। इसकी सूचना जैसे ही जनसभा स्थल पर लोगों को लगी, लोग नदी की ओर भागने लगे।
नदी में डूबते लोगों को नदी किनारे मौजूद लोगों ने बचाने का जिम्मा उठाया और कई लोग एक दूसरी नाव में सवार होकर डूब रहे लोगों के पास पहुंचे और बेहद सावधानी के साथ एक-एक कर डूब रहे सभी आठों युवकों को नदी से बाहर निकाल लिया।
अभी गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 60 बच्चों की मौत की घटना को एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि बुधवार को सीएम योगी के दौरे के वक्त सीतापुर के रेउसा में हुआ यह हादसा एक बड़ी घटना में तब्दील हो सकती थी, लेकिन ग्रामीणों की सूझ बूझ से बड़ा हादसा टल गया।