शुक्रवार की शाम सेना के विशेष हैलीकाप्टर से राम रहीम को रोहतक की सुनारियां जेल में पहुंचाया गया। यहां उनके लिए दो साधारण छवि के कैदियों को तैनात किया गया। रात करीब आठ बजे कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद राम रहीम को कैदी नंबर 1997 अलाट किया गया। इसके बाद जैल मैनुअल के हिसाब से उन्हें दाल, आलू की सब्जी, दो रोटी दी गई, लेकिन उन्होंने केवल एक रोटी खाई।
इसके बाद राम रहीम एकदम चुप होकर अपनी बैरक में बैठ गए। जेल नियमानुसार रात दस बजे जेल की बत्ती बंद कर दी जाती है। इसके बावजूद राम रहीम को रात को नींद नहीं आई। सूत्रों के अनुसार रात करीब 11 बजे राम रहीम फिर उठकर बैठ गए। इसके बाद उनके सहयोगी के रूप में तैनात कैदी ने उन्हें पीने के लिए दूध दिया। इसके बाद करीब 12 बजे राम रहीम को नींद तो आई लेकिन वह करवटें बदलते रहे।
राम रहीम सुबह करीब साढे पांच बजे फिर से उठ गए। राम रहीम सुबह जब उठे तो उनके आसपास न तो अनुयायियों की लंबी कतार थी और न ही सेवादारों की भीड़ थी। राम रहीम सुबह उठने के बाद करीब बीस मिनट तक अकेले बैठे रहे उसके बाद उनका सहयोगी कैदी वहां आया और उसने मांग के अनुसार राम रहीम को ग्रीन टी दी।
इस बीच जेल महानिदेशक के.पी. ङ्क्षसह ने राम रहीम को विशेष सुविधा दिए जाने की खबरों का भी खंंडन किया है। उन्होंने कहा कि गुरमीत राम रहीम को साधारण कैदी की तरह रखा गया है। राम रहीम को कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही है। जेल के नियमों के मुताबिक उन्हें सिर्फ कपड़े ले जाने की अनुमति दी गई है।
राम रहीम को 3 धाराओं के तहत ठहराया दोषी
सीबीआई अदालत ने राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की तीन धाराओं 376 (बलात्कार), 506 (डराने-धमकाने) एवं 509 (महिला की इज्जत से खिलवाड़)- के तहत दोषी ठहराया है। राम रहीम को कम से कम 7 साल सश्रम कारावास की सजा होनी तय है। निर्भया कांड के बाद पारित आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 के तहत बलात्कार के अपराधियों को कम से कम 7 साल के सश्रम कारावास और अधिक से अधिक आजीवन कारावास तथा जुर्माने के प्रावधान हैं।
आई.पी.सी. की धारा 506 के तहत अधिकतम दो साल की सजा अथवा जुर्माना अथवा दोनों के प्रावधान हैं। वर्ष 2013 में किए गए संशोधन के अनुसार धारा 509 के तहत अधिकतम 3 साल की साधारण सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले इस धारा के तहत एक साल के साधारण कारावास अथवा जुर्माना अथवा दोनों की व्यवस्था थी। नए संशोधन में कुछ ऐसे प्रावधान भी किए गए हैं, जिसके तहत बलात्कार के अपराधी को कम से कम 10 साल सश्रम कारावास एवं अधिक से अधिक आजीवन कारावास की व्यवस्था की गई है। इनमें पुलिस अधिकारी द्वारा बलात्कार, अभिरक्षा में बलात्कार, बार-बार बलात्कार, किसी न्यास और संस्था के प्रमुख द्वारा वहां रहने वाली महिलाओं के साथ बलात्कार आदि शामिल हैं।