scriptहरियाणा में जल्द किया जाएगा अनुसूचित जाति आयोग का गठन-कृष्ण कुमार बेदी | Krishan Kumar Bedi statement on crime against scheduled caste | Patrika News

हरियाणा में जल्द किया जाएगा अनुसूचित जाति आयोग का गठन-कृष्ण कुमार बेदी

locationसिरसाPublished: Nov 22, 2018 06:32:12 pm

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Prateek

बेदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार अत्याचार के शिकार होने वाले अनुसूचित जाति के लोगों को आर्थिक मदद देती है। अत्याचार के सभी मामलों में एफआईआर दर्ज होने से यह आर्थिक मदद लेने वालों की संख्या बढी है…

krishan kumar bedi

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(चंडीगढ,सिरसा): हरियाणा के सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने गुरूवार को यहां कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपराध की एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य किया है और इसलिए अनुसूचित जाति पर अत्याचार के मामले बढकर सामने आए है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने पिछली सरकार द्वारा छोडा गया आरक्षण का बैकलॉग भी पूरा किया है। बेदी ने कहा कि राज्य सरकार सफाई कर्मचारी आयोग का गठन कर चुकी है और अनुसूचित जाति आयोग का गठन भी जल्दी किया जाएगा।


बेदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार अत्याचार के शिकार होने वाले अनुसूचित जाति के लोगों को आर्थिक मदद देती है। अत्याचार के सभी मामलों में एफआईआर दर्ज होने से यह आर्थिक मदद लेने वालों की संख्या बढी है।


उन्होंने बताया कि जहां वर्ष 2014-15 में ऐसे मामलों में 314 लाख रूपए की मदद दी गई थी वहीं वर्ष 2015-16 में 379 लोगों को 380.36 लाख रूपए की मदद दी गई। वर्ष 2016-17 में 487 लोगों,वर्ष 2017-18 में 626 लोगों और वर्ष 2018-19 में अब तक 696 लोगों को मदद दी गई। हर साल मदद लेने वालों की संख्या बढी है। अनुसूचित जाति पर अत्याचार के मामले में 85 हजार रूपए से साढे आठ लाख रूपए तक आर्थिक मदद दी जाती है। मुकदमा लडने के लिए वकील फीस के 11 हजार रूपए भी दिए जाते है। राज्य सरकार द्वारा हर अपराध की एफआईआर दर्ज कराना अनिवार्य करने से मदद लेने वालों की संख्या बढी है। जहां अपराध अनुसूचित जाति के लोगों के बीच ही होता है वहां आर्थिक मदद नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि झांसा में अनुसूचित जाति के दो बच्चों की मौत का मामला हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या का है।

 

 

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति कल्याण की नीति के तहत ही राज्य सरकार ने ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का वेतन बढाकर 8100 रूपए और शहरी सफाई कर्मचारियों का वेतन 10 हजार रूपए किया है। बेदी ने माना कि सफाई कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रूपए करने की घोषणा की गई थी लेकिन कुछ दिक्कतों के कारण इस पर अमल नहीं किया जा सका। सफाई कर्मचारियों के बच्चों को पढाई में मदद के लिए मैट्रिक पास करने पर 8000 रूपए, सीनियर सैकण्डरी पर 10 हजार रूपए और स्नातक करने पर 12 हजार रूपए आर्थिक सहायता दी जाती है।


उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति,विमुक्त व टापरीवास जाति की बेटी की शादी पर 41 हजार रूपए की मदद मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत दी जाती है। पहले यह मदद विवाह के बाद बच्चों का जन्म होने तक दी जाती थी। मौजूदा सरकार ने यह मदद शादी के 21 दिन पहले देने की व्यवस्था की है। अनुसूचित जाति व पिछडा वर्ग के लिए पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति के मानकों में भी ढील दी गई है। अब यह शहरी क्षेत्र में 80 फीसदी अंक के बजाय 75 फीसदी और 70 फीसदी के बजाय 65 फीसदी अंक रखे गए है।

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