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पांच करोड़ समर्थक होने का दंभ भरने वाले डेरा सच्चा सौदा में छाया सन्नाटा

locationसिरसाPublished: Aug 30, 2017 11:29:00 pm

डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रबंधकों का दावा है कि देश-विदेश में उनके पांच करोड़ से अधिक समर्थक है

Dera Saccha Sauda

Dera Saccha Sauda

सिरसा। डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रबंधकों का दावा है कि देश-विदेश में उनके पांच करोड़ से अधिक समर्थक है, मगर आज हालात ऐेसे हो गए हैं कि इतने समर्थक होने के बावजूद डेरा का सिरसा मुख्यालय वीरान हो गया है। डेरा की सड़कें,अस्पताल, शिक्षण संस्थान, होटल, कैंटीन सभी में सन्नाटा पसरा हुआ है।

यह सब इसलिए हुआ है क्योंकि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को साध्वी यौन शोषण केस में कोर्ट द्वारा 20 साल की सजा सुनाई गई है। हालांकि डेरा के अंदर तो जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है, मगर डेरा के आसपास भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। डेरा की ओर जाने वाला रास्ता सूनसान था। डेरा में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए बनाई गई पार्किंग में कोई नजर नहीं आया। डेरा का माही सिनेमा हॉल,अस्पताल, शिक्षण संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट, पुलिस नाका सभी पर ताले लगे हुए हैं। यहां तक की डेरा का गेट भी बंद पड़ा है। कहा जा रहा है कि डेरा के अंदर कुछ सेवादार, बुजुर्ग लोग ही हैं। उनके पास दूसरी जगह जाने का कोई विकल्प नहीं होने की वजह से वे डेरे में ही रूके हुए हैं।

स्वागत के लिए लगाई लडिय़ां व झंडे उतारने का काम शुरू
डेरा की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर स्थाई रूप से चमकीली लडिय़ां व झंडे लगे रहते हैं। इससे डेरा को एक अलग ही लुक मिलता था, मगर डेरामुखी के जेल जाने के बाद अब सेवादार चमकीली लडिय़ों व सड़क के दोनों ओर लगे हुए झंडों को उतारने में जुटे हुए हैं। सड़क के बीच डिवाईडर के पोल पर लगाए गए लाउडस्पीकर पहले ही उतारे जा चुके हैं जिस कारण अब वहां सत्संग की आवाज भी बंद हो गई है। सेवादारों को भी लग रहा है कि अब डेरा में पहले जैसी चमक-दमक शायद ही लौटा पाए।

सेना का पहरा कायम
सिरसा शहर में लगाया गया कफ्र्यू भले ही हटा दिया है, लेकिन डेरा की ओर कफ्र्यू जारी है। सेना पुरी मुस्तैदी के साथ सुरक्षा मोर्चा पर डटी हुई है। डेरा की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग के अलावा नेजिया के पास भी सेना ने डेरा जमाया हुआ है। वहां से गुजरने वाले वाहनों की गहन जांच की जा रही है। यहां तक की दूध वालों के ड्रम भी चेक किए जा रहे हैं। सेना के जवानों ने डेरा को पूरी तरह से घेरा हुआ है। अब शहर के लोगों में एक ही चर्चा है कि सेना डेरा में कब प्रवेश करेगी क्योंकि लोगों को लगता है कि जब सेना डेरा की तलाशी लेगी तो डेरा के अंदर छिपे हुए कई राज उजागर होंगे।

गांवों में सामान्य हो रहा है जनजीवन
डेरा विवाद की वजह से डेरा के आसपास आबाद गांवों व ढाणियों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई थी, लेकिन डेरामुखी को सजा के बाद क्षेत्र में शांति बनी रहने से अब लोगों में डर की भावना कम हुई है। गांव नेजिया के ग्रामीणों ने कहा कि वे न तो पहले कभी डरते थे और न ही अब डरते हैं। कुछ ग्रामीणों ने कहा कि बाबा को जो सजा मिली है, वह सही है। इनमें कुछ ऐसे ग्रामीण भी थे जो डेरा को मानते हैं। उनका कहना था कि वे शाह मस्ताना महाराज व शाह सतनाम सिंह को अपना गुरु मानते हैं, वे गुरमीत राम रहीम सिंह को अपना गुरु नहीं मानते। इसलिए डेरा के प्रति उनकी आस्था है, लेकिन गुरमीत राम रहीम सिंह के प्रति नहीं। इसलिए उन्हें कोई डर-भय नहीं है। गांव के लोग अपने खेतों में जाते हैं। पशुओं के लिए चारा आदि लेकर आ रहे हैं क्योंकि पशुओं को चारा खिलाना जरूरी है। इसलिए अब गांवों में जनजीवन सामान्य हो रहा है।

कफ्र्यू में दो घंटे की ढील
जिलाधीश प्रभजोत सिंह ने बताया कि सिरसा शहर में लगाए गए कफ्र्यू को पूरी तरह से हटा दिया गया है, लेकिन शाह सतनाम सिंह चैक से नेजियाखेड़ा टी प्वाइंट तक, कंगनपुर रोड़ व नेजियाखेड़ा टी प्वाइंट से बाजेकां रेलवे क्रोसिंग तक कफ्र्यू रहेगा। हां, उन्होंने बुधवार को उक्त क्षेत्रों में लगाए गए कफ्र्यू में सांय 4 बजे से 6 बजे (2 घंटे) तक ढील दी गई।

डेरा सच्चा सौदा के वकील,जो भीड़ से छुड़वाकर लाए हवलदार
बीती 25 अगस्त को डेरा के निकट तनावपूर्ण स्थिति। डेरा प्रेमियों की भीड़ ने हरियाणा पुलिस के हवलदार जग्गा सिंह को दबोच लिया। उसकी बुरी तरह से पिटाई कर डाली और उसे अगवाकर डेरे में ही ले गए। ऐसे में किसी की हिम्मत नहीं थी कि गुस्साई भीड़ से हवलदार को छुड़वा लाए। प्रशासन बेबस था कि यदि डेरे में घूसने की कोशिश की गई तो माहौल बिगड़ जाएगा और स्थिति बेकाबू हो जाएगी।


ऐसे वक्त में शीर्ष अधिकारियों ने डेरा के वकीलों से संपर्क साधा। इन दो वकीलों ने मानवता का परिचय दिया। उन्होंने गुस्साई भीड़ से हवलदार जग्गा सिंह को छुड़वाकर डेरे से बाहर भिजवाने का काम किया। अन्यथा जग्गा सिंह का जिंदा लौट पाना भी मुश्किल था। ऐसे में इन दोनों वकीलों ने वो किया जो उन्हें हीरो बनाता है।

अपना नुकसान झेला लेकिन पुलिस जवानों को बचाया
गांव बेगू का किसान वो हीरो है, जिसने अपना नुकसान तो झेला लेकिन कई जिंदगियां बचाने में कामयाबी हासिल की। डेरा के अनुयायी 133 केवी बिजलीघर को फूंक रहे थे, तब यहां पर हरियाणा पुलिस के 15 जवान तैनात थे। इन जवानों ने भीड़ को जब तक हो सका, रोका। लेकिन आगजनी पर उतारु भीड़ के आगे उन्हें पीछे हटना पड़ा। इन पुलिस जवानों ने खेत के रास्ते जान बचाने के लिए दौड़ लगाई। लेकिन गुस्साई डेरा प्रेमियों की भीड़ ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। ऐसे में बेगू का किसान अमरजीत सिंह अपने खेत में स्पे्र कर रहा था, पुलिस मुलाजिम की पुकार पर उसने अपने ट्रेक्टर पर उन्हें गांव पहुंचाया और गांव मुनादी करवा दी, जिससे ग्रामीण एकत्रित हो गए और दंगाईयों की हिम्मत टूट गई। अमरजीत की सूझबूझ और साहस के चलते पुलिस जवानों की जान बच पाई लेकिन गुस्साई भीड़ ने उसका ट्यूबवेल फूंक दिया और फसल को भी नुकसान पहुंचाया।

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