एसवाईएल निर्माण के मुद्दे पर जन-अधिकार यात्रा निकाल रहे विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरा। हालांकि अभय द्वारा एसवाईएल निर्माण पर चर्चा के लिए दिया ‘काम रोको प्रस्ताव’ और कांग्रेस द्वारा भी एसवाईएल व किसानों की कर्जामाफी पर दिया काम रोको प्रस्ताव स्पीकर द्वारा रद्द कर दिया गया। इस पर अभय ने कहा कि सरकार किसानों के प्रति गंभीर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी नहर का निर्माण नहीं करवाया जा रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर स्पीकर के साथ भी बहस की और वह सीएम से भी भिड़ गए।
सदन में गूंजा एसवाईएल मुद्या
कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने भी एसवाईएल पर चर्चा करवाने की मांग की। उन्होंने कहा, दक्षिण हरियाणा में पानी का संकट है और सरकार इसके प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने अहीरवाल के भाजपा विधायकों को भी इसके लिए कोसा। अभय के नेतृत्व में कई बार विरोध करते हुए इनेलो विधायक स्पीकर बैल में पहुंचे और सीधे स्पीकर के साथ तर्क-वितर्क किए। स्पीकर ने ध्यान बंटाने के लिए गन्ना उत्पादक किसानों के बकाया और खेतों में जलभराव के संबंध में इनेलो और कांग्रेस विधायकों के दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव मंजूर कर उन पर चर्चा करवाने की कोशिश की। अभय को सबसे पहले प्रस्ताव पढऩा था, लेकिन वह प्रस्ताव पढऩे की बजाय एसवाईएल मुद्दे को ही बार-बार उठाते रहे।
तैश में आए हुड्डा, सदन से किया वॉक आउट
जिसे लेकर सदन में इनेलो व भाजपा विधायकों ने एक-दूसरे के विरूद्ध नारेबाजी की। स्पीकर ने इनेलो विधायकों को नेम करने की चेतावनी भी कई बार दी, लेकिन वे माने नहीं। ऐसे में अभय चौटाला ने अपने विधायकों सहित इस मुद्दे पर सदन से वाकआउट किया। इससे पहले पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने किसानों की कर्जामाफी के मुद्दे पर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को कटघरे में खड़ा कर दिया। हुड्डा ने दो-टूक कहा, सीएम सदन में खड़े होकर इस बात का जवाब दें कि उनकी सरकार किसानों का कर्जा माफ करेगी या नहीं। जवाब में सत्तापक्ष की ओर से यह सुनने को मिलता रहा कि भाजपा कर्जामाफी नहीं बल्कि किसानों की आय दोगुणा करने पर आगे बढ़ रही है। हुड्डा ने कहा कि अगर आप लोग कर्जामाफ नहीं करेंगे तो हम जाते हैं। यह कहते हुए हुड्डा ने कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ वॉकआउट कर दिया।
जेपी ने मिलाई कांग्रेस से आवाज
कलायत से निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ‘जेपी’ भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते नजऱ आए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित कई भाजपा शासित राज्यों में किसानों का कर्जा माफ किया गया है तो फिर हरियाणा सरकार ऐसा क्यों नहीं करती। जेपी ने जब खुद को किसान का बेटा बताया और कर्जामाफी को मुद्दा बनाया तो राज्य मंत्री कृष्ण बेदी सहित कई भाजपा विधायकों ने कहा, यह किसान का बेटा उस समय कहां था जब कांग्रेस सरकार में किसानों की जमीन लूटी जा रही थी। इसके बाद जेपी ने भी कर्जामाफी की मांग को लेकर सदन से वॉकआउट कर दिया।