पार्टी में रहकर ही करेंगे संघर्ष
पार्टी में वर्चस्व की जंग का निशाना अजय सिंह के बेटे बने है लेकिन अजय सिंह का सम्मान बरकरार है। अजय सिंह के रणनीतिक कदम पर भले ही नजर रखी जा रही हो लेकिन उनके बारे में किसी तरह की टीका-टिप्पणी भी नहीं की जा रही है। अजय सिंह द्वारा सोमवार को नई दिल्ली में अपने दोनों बेटों द्वारा आयोजित सम्मेलन में भी संतुलित संबोधन दिया। उन्होंने इनेलो को अखण्ड बनाए रखने की पहल करते हुए कहा कि पार्टी में रहकर ही संघर्ष किया जाएगा। अजय सिंह के इस रूख से पार्टी के भविष्य को लेकर आशंकित कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली है।
नारेबाजी की देन है सारा विवाद— अजय सिंह
जब नई दिलली में अजय सिंह चौटाला अपने दोनों बेटों द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे तभी सांसद दुष्यंत के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हिसार के जिला मुख्यालय पर चौधरी अभय सिंह चौटाला देवीलाल भवन में इनेलो-बसपा गठबंधन की सभा को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में वे नई दिल्ली सममेलन के बारे में कुछ नहीं बोले लेकिन कहा कि पार्टी में पैदा हुआ मौजूदा घटनाक्रम नारेबाजी की देन है। इसलिए पार्टी कार्यकर्ता किसी भी कार्यक्रम में चौधरी देवीलाल और डाॅ अम्बेडकर अमर रहे और ओमप्रकाश चौटाला एवं मायावती जिंदाबाद के नारे ही लगायेंगे। अन्य किसी नेता को लेकर नारे नहीं लगाए जायेंगे।
कलह खत्म करने के प्रयास जारी
उन्होंने इसके साथ ही गोहाना रैली में युवाओं के एक समूह द्वारा की गई हूटिंग पर कहा कि वे कांग्रेस द्वारा पैसा देकर भेजे गए लोग थे। पारिवारिक स्तर पर अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला की मां भी दोनों बेटों के खेमों के बीच सुलह के लिए प्रयासरत हैं।
पुरानी यादें हुई ताजा
इनेलो के इस घटनाक्रम को लेकर लोग उस समय को याद कर रहे है, जो कि चौधरी देवीलाल के उपप्रधानमंत्री बनने पर उनके दो बेटों ओमप्रकाश चौटाला और रणजीत सिंह के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता पैदा हुई थी। उस समय देवीलाल ने ओमप्रकाश चौटाला का समर्थन किया था और रणजीत सिंह को थक-हार कर हरियाणा की राजनीति छोडकर केन्द्र की राजनीति के लिए दिल्ली जाना पडा था। बाद में रणजीत सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।