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STORY : हैदराबाद से ली थी नकली जीरा बनाने की ट्रेनिंग, दिल्ली में भी बना चुका है जीरा

locationसिरोहीPublished: Apr 20, 2019 03:37:05 pm

Submitted by:

mahesh parbat

मावल ग्रोथ सेंटर फेज-द्वितीय में संचालित नकली जीरा बनाने की ट्रेनिंग हैदराबाद से ली गई थी। रीको पुलिस की ओर से आरोपित से पूछताछ के दौरान ने यह कार्य पूर्व में दिल्ली में भी करने की बात स्वीकार की है। ऐसे में ये नकली जीरे का काला कारोबार जिले समेत अंतरराज्यीय स्तर पर संचालित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।


आबूरोड. मावल ग्रोथ सेंटर फेज-द्वितीय में संचालित नकली जीरा बनाने की ट्रेनिंग हैदराबाद से ली गई थी। रीको पुलिस की ओर से आरोपित से पूछताछ के दौरान ने यह कार्य पूर्व में दिल्ली में भी करने की बात स्वीकार की है। ऐसे में ये नकली जीरे का काला कारोबार जिले समेत अंतरराज्यीय स्तर पर संचालित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिले में भीमाणा समेत आंतों, किडनी व लीवर के लिए घातक नकली जीरे से स्वास्थ्य पर मंडरा रहे खतरे से अब तक प्रशासन बेखबर था।
गौरतलब है कि रीको पुलिस ने मावल स्थित रीको ग्रोथ सेंटर फेज-द्वितीय में अग्रवाल इंडस्ट्रीज नामक इकाई किराए पर लेकर नकली जीरा बनाने का कारोबार संचालित होने की सूचना मिलने पर वृताधिकारी प्रवीणकुमार सेन मय टीम ने बुधवार को दबिश देकर मामले का खुलासा किया था। मौके से गिरफ्तार ठेकेदार हाथिनापुर, शाहपुरा थाना जलालाबाद, जिला शाहजहांपुर (उत्तरप्रदेश) निवासी अरुण उर्फ रोहित जाटव को गिरफ्तार किया गया था। वहीं पांच श्रमिकों को इकाई से छुड़वाया गया था। मामले में मुख्य आरोपित ऊंझा का व्यापारी किरण उर्फ किनारभाई अब भी फरार है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने टीमे गठित कर तलाशी शुरू कर दी है। आरोपित अरुण जाटव ने पुलिस पूछताछ के दौरान नकली जीरा बनाने का कार्य हैदराबाद से सीखने व दिल्ली में कुछ समय तक यह कार्य करने की बात कबूली है।
पांच दिन के रिमांड पर आरोपित
मामले में गिरफ्तार आरोपित अरुण जाटव को पुलिस ने शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया। जिसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया। पुलिस ने मामले में लिप्त अन्य आरोपितों की भूमिका व संलिप्तता को लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है।
पखवाड़ेभर से चल रहा था कार्य
इकाई में नकली जीरा बनाने का गोरखधंधा करीब एक पखवाड़े से जारी था, इसके बावजूद अब तक न तो रीको समेत प्रशासनिक अधिकारियों और ना बीट कांस्टेबल व प्रभारी को इसकी खबर लगी। आरोपित ठेकेदार से पूछताछ के दौरान उसने बताया कि गत २ अप्रेल से यहां कार्य शुरू किया गया था।
पहली खेप ऊंझा भेजे जाने की आशंका
मामले में मुख्य आरोपी किनार भाई गुजरात के ऊंझा के व्यापारी बताए जा रहे हैं। ऐसे में इकाई से मिली करीब साढ़े चार सौ बोरी नकली जीरे की खेप के ऊंझा मंडी में खपाने के प्रयास की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। यहां ज्ञातव्य हो कि जिले समेत आसपास के इलाकों में जीरे के लिए ऊंझा मंडी प्रसिद्ध है। स्थानीय किसान भी सौंफ की अधिकतर फसल इसी मंडी में बेचते हैं।
ें जीरे के लिए ऊंझा मंडी प्रसिद्ध है। स्थानीय किसान भी सौंफ की अधिकतर फसल इसी मंडी में बेचते हैं।
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