scriptकितनी मौतों के बाद चेतेंगे? (टिप्पणी) | Anadara's Tragic Accident: Trailer Becomes a Call, 5 people killed, 1 | Patrika News

कितनी मौतों के बाद चेतेंगे? (टिप्पणी)

locationसिरोहीPublished: Oct 11, 2019 10:16:41 am

Submitted by:

Amar Singh Rao

अनादरा कस्बे में बेकाबू ट्रेलर के दुकान में घुसने से वहां बैठे पांच जनों की मौत कई सवाल छोड़ गई।

कितनी मौतों के बाद चेतेंगे? (टिप्पणी)

sirohi

सिरोही से अमरसिंह राव

अनादरा कस्बे में बेकाबू ट्रेलर के दुकान में घुसने से वहां बैठे पांच जनों की मौत कई सवाल छोड़ गई। अनादरा कस्बा स्टेट हाइवे नम्बर 27 पर बसा है। यहां सड़क के दोनों किनारों पर दुकानें और मकान बने हुए हैं। बावजूद इसके सुरक्षा के कोई खास बंदोबस्त नहीं हैं। कस्बे में दोनों छोर पर स्पीड ब्रेकर जरूर बने हुए हैं लेकिन इसके अलावा कहीं भी दुर्घटना रोकने के कारगर उपाय नहीं हैं। इसके लिए जिम्मेदार कौन है? सड़क बनाने वाली कम्पनी, पुलिस, परिवहन महकमा या प्रशासनिक अमला? क्यों कस्बे के बीचों-बीच से स्टेट हाइवे गुजरने दिया गया? इसके लिए जनता के नुमाइंदे भी कम जिम्मेदार नहीं है। तब जनप्रतिनिधि कहां थे, जब यहां सड़क बनी? तब किसी ने आवाज क्यों नहीं उठाई? क्यों किसी की नींद नहीं उड़ी? आज यदि यहां बाइपास होता तो पांच जिन्दगियां यूं असमय काल का ग्रास नहीं बनतीं। दीपावली से पहले इनके घर के चिराग नहीं बुझते। हादसे में कालकवलित इन पांच जनों का सिर्फ यही कसूर था कि ये मौत के मुहाने पर ही बसर करते थे। क्या इनकी जिन्दगी कोई लौटा सकता है? क्या इनके परिवारों की पीड़ा का कोई जख्म भर सकता है? यदि नहीं तो सिर्फ टूटी सड़कों के गड्ढों को भरने से कुछ नहीं होने वाला। इसके लिए जिम्मेदारी तय करनी होगी। ठोस उपायों पर अमल करना होगा। अकेले ट्रेलर चालक को ही सलाखों में डालने से जख्म नहीं भरने वाला।
स्टेट हाइवे रेवदर तहसील के अनादरा समेत कई गांवों से होकर गुजरता है जिसमें गुलाबगंज, सिरोड़ी, डबानी, करोटी, रेवदर, करेली, मंडार और सिरोही तहसील के सिंदरथ, कृष्णगंज सरीखे आबादी क्षेत्र के गांव शामिल हैं। इनमें रेवदर, मंडार और अनादरा चहल-पहल और व्यस्ततम आबादी वाले क्षेत्र हैं जो मौत के मुहाने पर खड़े हैं। ऐसे आबादी क्षेत्र से भारी वाहनों की आवाजाही के दौरान चालकों की जरा सी चूक या लापरवाही राह चलते लोगों को कभी न भरने वाला जख्म दे जाती है। इसके लिए जवाबदेह कम्पनी, ठेकेदार या जनप्रतिनिधि भी कम जिम्मेदार नहीं हैं।
रेवदर, मंडार और अनादरा के ग्रामीणों की पिछले लंबे समय से यह मांग चली आ रही है कि आबादी के बीच से गुजर रहे भारी वाहनों के यातायात को बाइपास निर्माण कर बाहर से गुजारा जाए ताकि दुर्घटनाओं में कमी आ सके। पिछले दिनों इसी मार्ग पर सिंदरथ गांव में एक टैंकर मकान में घुस गया था। क्यों नहीं ग्रामीणों की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा? ऐसी दुर्घटना के बड़े कारण हाइवे के आस-पास के अतिक्रमण क्यों नहीं हटाए जा रहे? लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई आखिर कौन करेगा? या फिर इस हादसे को भी भुलाकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाएगी। सरकार और प्रशासन को जल्द ही स्टेट हाइवे पर ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के ठोस प्रयास करने होंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो