scriptपति की मौत के बाद करती थी मजदूरी, अब सौर ऊर्जा से बिजली से वंचित घरों को करेगी रोशन | After her husband's death, she used to work as a labourer, now she will use solar energy to light up houses deprived of electricity | Patrika News
सिरोही

पति की मौत के बाद करती थी मजदूरी, अब सौर ऊर्जा से बिजली से वंचित घरों को करेगी रोशन

सोलर इंजीनियर के नाम से पहचानी जाने वाली थावरी देवी से प्रेरित होकर अजमेर के किशनगढ़ हरमाड़ा स्थित बिंदी इंटरनेशनल संस्थान से सौर ऊर्जा संचालित उपकरणों व उनकी मरम्मत करने का प्रशिक्षण ले रही है।

सिरोहीApr 16, 2024 / 12:14 pm

santosh

आबूरोड. आदिवासी बहुल उपलागढ़ गांव की महिला मोगली सौर ऊर्जा संचालित उपकरणों से अपने गांव के दुर्गम इलाके, जहां कई परिवार बिजली से वंचित है, उन्हें रोशन करेगी। आठ वर्ष पूर्व पति जगदीश की मौत के बाद 26 वर्षीय मोगली ने मजदूरी कर अपने बच्चे व परिवार का पालन-पोषण किया।
निचलागढ़ में सोलर इंजीनियर के नाम से पहचानी जाने वाली थावरी देवी से प्रेरित होकर अजमेर के किशनगढ़ हरमाड़ा स्थित बिंदी इंटरनेशनल संस्थान से सौर ऊर्जा संचालित उपकरणों व उनकी मरम्मत करने का प्रशिक्षण ले रही है।

पोल नहीं पहुंचने के कारण कई परिवार बिजली से वंचित

5वीं कक्षा तक पढ़ी मोगली प्रशिक्षण के बाद उपलागढ़ व आसपास के गांवों में बिजली से वंचित घरों तक सौर ऊर्जा संचालित उपकरणों से बिजली पहुंचाने का कार्य करेगी। गांव में कई फलियां ऐसी है, जहां बिजली के पोल नहीं पहुंचने के कारण कई परिवार बिजली से वंचित है। इन स्थानों पर सौर ऊर्जा से संचालित उपकरण परम्परागत बिजली का एक वैकल्पिक रास्ता है।

रोजाना 15 किलोमीटर दूर शहर जाकर करती थी मजदूरी

उपलागढ़ के निचली फली निवासी मोगली ने बताया कि वर्ष 2016 में उनके पति की मौत हुई थी। जिसके बाद परिवार का खर्च चलाने के लिए 15 किलोमीटर दूर शहर में जाकर मजदूरी करती थी। सौर ऊर्जा उपकरणों की जानकारी मिलने पर इसका प्रशिक्षण लेकर कार्य करने की ठानी। जिस पर किशनगढ हरमाड़ा की संस्था में यह प्रशिक्षण ले रही है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में ही कार्य करेगी।

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