scriptसावन मास में दो दिन से चारा नहीं, तहसीलदार बोले-महंगा आ रहा, ऐसे कैसे दे दें ज्यादा रुपए, प्लीज कॉपरेट करो? | About 700 cows have been hungry for the last two days sirohi | Patrika News

सावन मास में दो दिन से चारा नहीं, तहसीलदार बोले-महंगा आ रहा, ऐसे कैसे दे दें ज्यादा रुपए, प्लीज कॉपरेट करो?

locationसिरोहीPublished: Jul 20, 2019 08:13:43 pm

Submitted by:

Amar Singh Rao

सिरोही की सरकारी गोशाला के हाल: कलक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी करती है अर्बुदा गोशाला का संचालन

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अमरसिंह राव
सिरोही. जिला मुख्यालय पर स्थित सरकारी अर्बुदा गोशाला में करीब 700 गायें सावन मास में पिछले दो दिन से भूखी हंै। गोशाला में गोदाम से लेकर बाड़े तक में हरा तो दूर, सूखा चारा तक नहीं है। हालांकि वहां मौजूद लोगों ने इतना जरूर कहा कि एक ट्रॉली हरा चारा आया था जो गायों को दे दिया लेकिन जानकारों का दावा है कि एक ट्रॉली चारा 100 गायों की भूख तक नहीं मिटा सकता। चौंकाने वाली बात यह है कि गोशाला का संचालन कलक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी करती है और उसमें शहर के नामी लोग तक जुड़े हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन ने इसके लिए क्या प्रयास किए? क्यों कोई आगे नहीं आ रहे? या फिर वाकई में किसी सदस्य को इसकी खबर ही नहीं है? तहसीलदार सुरेश कुमार का दावा है कि अभी चारा महंगा आ रहा है। पांच रुपए प्रति किलो आने वाला चारा बीस रुपए में मिल रहा है। इतने ज्यादा रुपए कैसे दे दें? वैसे हमने चारे की गाडिय़ों के आर्डर दिए हुए हैं जैसे ही चारा आएगा, सारी व्यवस्था ठीक हो जाएगी। प्लीज इस मामले में आप कॉपरेट कीजिए…बात बाहर जाएगी तो अपनी सबकी हल्की लगेगी।
ये मिल रहा अनुदान
गोशाला में प्रत्येक बड़े पशु पर 32 रुपए और छोटे पर 16 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अनुदान दिया जाता है। अर्बुदा गोशाला को हाल ही मार्च तक का 6 लाख 8592 रुपए अनुदान मिला है। गोशाला में छोटे-बड़े 680 गोवंश हैं। गोशालाओं को सरकारी अनुदान दिया जाता है लेकिन इसकी पात्रता पूरी करने के लिए गोशाला दो साल पुरानी होनी चाहिए और उसमें दो सौ से अधिक गोवंश हो।
ये हैं जिम्मेदार
गोशाला के संचालन के लिए समिति बनी है। इसके अध्यक्ष कलक्टर और सचिव तहसीलदार हैं। बीडीओ कोषाध्यक्ष, नगर परिषद सभापति, प्रधान सिरोही, पशुपालन अधिकारी सदस्य हैं।

जिले में फैक्ट फाइल
गोशाला
56
पंजीकृत
40
मार्च में गोशालाओं को अनुदान मिला
28
देखते ही रंभाने लगी गायें…
जैसे ही ‘पत्रिका टीम अर्बुदा गोशाला परिसर पहुंची तो बड़े बाड़े में खड़ी गायें हमारी तरफ दौड़ीं। हालांकि बाड़ा बंद होने से किनारे आकर हमें देखने लग गईं। कुछ ने बाड़े से मुंह निकालकर रंभाने लगीं। उस समय बाड़े में कहीं चारा नजर नहीं आया। यहां तक कि वहां बने दो बड़े गोदाम भी खाली नजर आए। पूछताछ करने पर पता चला कि एक ट्रॉली हरा चारा आया था जो गायों को दे दिया गया। जानकार कहते हैं कि एक ट्रॉली हरा चारा करीब 700 गोवंश के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के समान भी नहीं होता है।
कलक्टर बोले-एक ट्रॉली हरा चारा आया है…
कल ही गायों के लिए एक ट्रॉली हरा चारा आया है। गोशाला में व्यवस्था सुचारू है। वैसे कोई दिक्कत आ रही है तो मैं दिखवाता हूं।
-सुरेन्द्रकुमार सोलंकी, जिला कलक्टर, सिरोही
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