परिवार के लोगों ने परपरागत सोमैया कर कुमकुम का तिलक कर अभिनंदन किया। लोगों के पहुंचने पर बस स्टैण्ड पर एक बारगी यातायात भी दस मिनट के लिए अवरुद्ध हो गया। बस स्टैण्ड से बाजे गाजे के साथ मुय बाजार, लक्ष्मी मंदिर से होते हुए रविंद्र को घर ले जाया गया। घर पर मां व दादा से मिलते ही उसके खुशी से आंसू बह निकले। रविंद्र ने करीब डेढ साल तक जयपुर रहकर परीक्षा की तैयारी की। कड़ी मेहनत व लगन के चलते पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की।
रविन्द्र के पिता जीवाराम बुनकर सरकारी स्कूल में सैकण्ड ग्रेड शिक्षक है। परिवार में सभी शिक्षा विभाग से जुड़े होने से शिक्षा का स्तर तथा वातावरण ठीक है। स्वागत में कुसमा मालीपुरा रामदेव मंदिर के महेश नाथ, अमराराम, जीवाराम बुनकर, शंकर लाल, रमेश कुमार, मफतलाल बुनकर, मुकेश रामपुरा, कुलदीप रामपुरा, शकूर भाटी, लावाजीराम, चौपाराम, लालाराम, चेलाराम, भेमा राम, हीराराम, बाबूलाल, नवाराम, भूराराम, तगाराम, अजय टांक, गेनाराम, गुलाम दस्तगीर, छगन मेघवाल, हरसन, करण कुमार, श्रवण कुमार, जब्बार खान सोढ़ा, हीरालाल गहलोत, मास्टर अशरफ समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।
यूपीएससी की ओर से आयोजित सीएसई परीक्षा में 138वीं रैंक के साथ आईएएस बने मंडार के रविंद्र कुमार मेघवाल के आबूरोड रेलवे स्टेशन पहुंचने पर रविंद्र के परिजनों व मेघवाल समाज के लोगों ने अभिनंदन किया। इस दौरान परिषद के जिलाध्यक्ष विजय गोठवाल ने बताया कि आईएएस में चयन के बाद पहली बार आबूरोड रेलवे स्टेशन पहुंचने पर परिजनों व समाजबंधुओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान रविंद्र के पिता जीवाराम बुनकर, ताऊजी शंकरलाल बुनकर, चाचा रमेश कुमार बुनकर, मनीष बुनकर, शारदा देवी, पार्वती देवी, मुकेश रामपुरा, नवाराम बुनकर, अशोक कुमार, प्रवीण कुमार, हरसन खाण, गणपत मेघवाल, मनीष बैरवा, अजय वाला, कपूर मेघवाल, नारायण टिलाणी, जगदीश परमार, मोहनलाल पांचाल, विष्णु गहलोत, रतनलाल रोहिन, मांगीलाल सहित मेघवाल समाज, राजस्थान मेघवाल परिषद, डॉ. अबेडकर सेवा समिति आदि समाज के प्रमुख व्यक्तियों ने रेलवे स्टेशन पर माला व साफ़ा पहनाकर स्वागत किया।