ये है मामला
जानकारी के अनुसार एससी-एसटी संशोधन बिल के खिलाफ लोगों का गुस्सा अभी कम नहीं हुआ है। बिल के विरोध में बैढन के जयस्तंभ से सपाक्स व सवर्ण समाज के लोग पैदल हनुमान मंदिर स्थित तालाब घाट पर जल सत्याग्रह करने के लिये पहुंचे। बता दें कि अभी बीते 6 सितंबर भारत बंद के साथ सिंगरौली बंद जो सफल रहा था कि आग बुझी भी नहीं थी कि फिर एससी एसटी एक्ट संशोधन बिल के विरोध में तालाब में जल सत्याग्रह करने पहुंच गये। इससे यह साबित होता है कि केंद्र सरकार की ओर से एससी एसटी एक्ट संशोधन बिल को पास करने के खिलाफ सिंगरौली जिले के बैढऩ के सवर्ण संगठनों का विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। सबसे पहले सैकड़ों की तादाद में रविवार सुबह 6 बजे लोग जयस्तंभ पर भारी शंख्या में जमा हो गए।
जानकारी के अनुसार एससी-एसटी संशोधन बिल के खिलाफ लोगों का गुस्सा अभी कम नहीं हुआ है। बिल के विरोध में बैढन के जयस्तंभ से सपाक्स व सवर्ण समाज के लोग पैदल हनुमान मंदिर स्थित तालाब घाट पर जल सत्याग्रह करने के लिये पहुंचे। बता दें कि अभी बीते 6 सितंबर भारत बंद के साथ सिंगरौली बंद जो सफल रहा था कि आग बुझी भी नहीं थी कि फिर एससी एसटी एक्ट संशोधन बिल के विरोध में तालाब में जल सत्याग्रह करने पहुंच गये। इससे यह साबित होता है कि केंद्र सरकार की ओर से एससी एसटी एक्ट संशोधन बिल को पास करने के खिलाफ सिंगरौली जिले के बैढऩ के सवर्ण संगठनों का विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। सबसे पहले सैकड़ों की तादाद में रविवार सुबह 6 बजे लोग जयस्तंभ पर भारी शंख्या में जमा हो गए।
सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
तालाब घाट पर पहुंचने के बाद लोगों ने भाजपा व कांग्रेस के सवर्ण सांसदों का विरोध किया। जल सत्याग्रह कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे समाज में वैमनस्यता बढ़ाने वाला फैसला बताया। सपाक्स परिवार व सवर्ण समाज ने सबका साथ सबका विकास के सरकार के फार्मूले को झूठा बताते हुए लोकतंत्र में इस तरह के कानून को काला कानून बताया श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि सिंगरौली जिले के बैढऩ स्थित तालाब के घाट पर सपाक्स सवर्ण करणी सेना शिवसेना आदि सहित कई संगठनों के लोगों ने पानी में उतर कर अपना विरोध प्रकट किया।
तालाब घाट पर पहुंचने के बाद लोगों ने भाजपा व कांग्रेस के सवर्ण सांसदों का विरोध किया। जल सत्याग्रह कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे समाज में वैमनस्यता बढ़ाने वाला फैसला बताया। सपाक्स परिवार व सवर्ण समाज ने सबका साथ सबका विकास के सरकार के फार्मूले को झूठा बताते हुए लोकतंत्र में इस तरह के कानून को काला कानून बताया श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि सिंगरौली जिले के बैढऩ स्थित तालाब के घाट पर सपाक्स सवर्ण करणी सेना शिवसेना आदि सहित कई संगठनों के लोगों ने पानी में उतर कर अपना विरोध प्रकट किया।
दोनों पार्टियों के लोग शामिल
कुछ सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों के लोग भी इस आंदोलन में शामिल रहे। आंदोलनकारियों ने शिवराज सरकार को भी जेल भेजने की नसीहत दी और मुखालफत की। जल सत्याग्रहियों का कहना था कि बिल के विरोध में एक भी भाजपा कांग्रेस सांसदों ने विरोध नहीं किया और ना ही आवाज उठाई ऐसा करके समाज के साथ विश्वासघात किया गया है। सवर्ण समाज भी अब सरकार को आने वाले दिनों में सबक सिखाएगा।
कुछ सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों के लोग भी इस आंदोलन में शामिल रहे। आंदोलनकारियों ने शिवराज सरकार को भी जेल भेजने की नसीहत दी और मुखालफत की। जल सत्याग्रहियों का कहना था कि बिल के विरोध में एक भी भाजपा कांग्रेस सांसदों ने विरोध नहीं किया और ना ही आवाज उठाई ऐसा करके समाज के साथ विश्वासघात किया गया है। सवर्ण समाज भी अब सरकार को आने वाले दिनों में सबक सिखाएगा।
शिवसेना ने किया समर्थन
एससी एसटी एक्ट काला कानून के विरोध में समर्थन देने शिवसेना भी आगे आई। जहां जिले की कांग्रेस और भाजपा चुपचाप बैठे हैं शिव शिवसेना उप राज्य प्रमुख सुरेंद्रनाथ दुबे एवं जिला प्रमुख शिवसेना रामदयाल पांडे ने इस एससी एसटी एक्ट का विरोध किया है वही शिवसेना विधानसभा प्रत्याशी राधेश्याम कुशवाहा ने अपनी टीम के साथ पहुंचकर जल सत्याग्रह में शामिल होकर रोष प्रकट किया है। जल सत्याग्रहियों ने तहसीलदार जितेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को माना जाना चाहिए।
एससी एसटी एक्ट काला कानून के विरोध में समर्थन देने शिवसेना भी आगे आई। जहां जिले की कांग्रेस और भाजपा चुपचाप बैठे हैं शिव शिवसेना उप राज्य प्रमुख सुरेंद्रनाथ दुबे एवं जिला प्रमुख शिवसेना रामदयाल पांडे ने इस एससी एसटी एक्ट का विरोध किया है वही शिवसेना विधानसभा प्रत्याशी राधेश्याम कुशवाहा ने अपनी टीम के साथ पहुंचकर जल सत्याग्रह में शामिल होकर रोष प्रकट किया है। जल सत्याग्रहियों ने तहसीलदार जितेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को माना जाना चाहिए।
‘नोटा और मतदान बहिष्कार की चेतावनी’
जल सत्याग्रह करने वाले प्रदर्शनकारी इस बिल को लोकतंत्र में तानाशाही की संज्ञा देते हुए भाजपा व कांग्रेस के सवर्ण सांसदों के खिलाफ मुर्दाबाद का नारा लगाते नजर आए बिल को वापस लेने की मांग करते हुए सरकार को आने वाले चुनाव में सवर्ण समाज अल्पसंख्यक पिछड़ा समाज की तरफ से परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। चुनाव में नोटा इस्तेमाल करने या चुनाव का ही बहिष्कार करने की बात कही जल सत्याग्रह के दौरान कपड़े में बिल के विरोध में विभिन्न स्लोगन लिखे कागज चिपकाए संगठन के लोग विरोध करते नजर आए।
जल सत्याग्रह करने वाले प्रदर्शनकारी इस बिल को लोकतंत्र में तानाशाही की संज्ञा देते हुए भाजपा व कांग्रेस के सवर्ण सांसदों के खिलाफ मुर्दाबाद का नारा लगाते नजर आए बिल को वापस लेने की मांग करते हुए सरकार को आने वाले चुनाव में सवर्ण समाज अल्पसंख्यक पिछड़ा समाज की तरफ से परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। चुनाव में नोटा इस्तेमाल करने या चुनाव का ही बहिष्कार करने की बात कही जल सत्याग्रह के दौरान कपड़े में बिल के विरोध में विभिन्न स्लोगन लिखे कागज चिपकाए संगठन के लोग विरोध करते नजर आए।