स्वास्थ्य विभाग ने अभियान के जरिए कुपोषित व रक्त की कमी वाले बच्चों को चिह्नित तो कर लिया है लेकिन उनके इलाज की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है।अस्पताल में स्थान और रक्त की कमी मुख्य रूप से बाधा बन रही है। आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विभाग के पास पर्याप्त खून उपलब्ध नहीं है। जरूरतमंद बच्चों की बड़ी संख्या और रक्त का अभाव न केवल स्वास्थ विभाग के बल्कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। यह बात और है कि अब तक भी आधे बच्चों के लिए भी रक्त की व्यवस्था नहीं हो पाई है। विभिन्न स्थानों पर आयोजित रक्तदान शिविरों से भी केवल 300 यूनिट रक्त ही एकत्र हो पाया है।तय है इतने में बच्चों की जरूरत पूरी नहीं होगी।
ब्लड चढ़ाने नहीं मिल रहा जगह
जिला अस्पताल में हर रोज रक्त चढ़ाने के लिए एनिमिक बच्चे पहुंच रहे हैं। आफत यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जैसे-तैसे रक्त का जो इंतजाम किया जा रहा है। उसे चढ़ाने के लिए बच्चों को जिला अस्पताल में जगह नहीं मिल रहा है। ऐसी परिस्थितियों में बच्चों के परिजन बिना रक्त चढ़ाए ही उन्हें लेकर वापस जा रहे हैं। उन्हें फिर बुलाए जाने की तसल्ली दी जा रही है।
जिला अस्पताल में हर रोज रक्त चढ़ाने के लिए एनिमिक बच्चे पहुंच रहे हैं। आफत यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जैसे-तैसे रक्त का जो इंतजाम किया जा रहा है। उसे चढ़ाने के लिए बच्चों को जिला अस्पताल में जगह नहीं मिल रहा है। ऐसी परिस्थितियों में बच्चों के परिजन बिना रक्त चढ़ाए ही उन्हें लेकर वापस जा रहे हैं। उन्हें फिर बुलाए जाने की तसल्ली दी जा रही है।
स्थानीय कंपनियों से ले रहे मदद
रक्त का इंतजाम करने के लिए अधिकारी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के साथ सामाजिक संगठनों की मदद ले रहे हैं। स्थानीय कंपनियों को भी रक्तदान शिविर के आयोजन को कहा गया है।इसके बावजूद रक्त की जरूरत पूरी होती नहीं दिख रही है।वजह करीब एक हजार से अधिक बच्चों को रक्त चढ़ाया जाना है। जबकि रक्त की व्यवस्था 300 यूनिट तक सिमट कर रह गई है। उम्मीद है कि रक्तदान शिविरों के आयोजन का क्रम जारी रख कर बच्चों के लिए रक्त की व्यवस्था की जाएगी।
रक्त का इंतजाम करने के लिए अधिकारी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के साथ सामाजिक संगठनों की मदद ले रहे हैं। स्थानीय कंपनियों को भी रक्तदान शिविर के आयोजन को कहा गया है।इसके बावजूद रक्त की जरूरत पूरी होती नहीं दिख रही है।वजह करीब एक हजार से अधिक बच्चों को रक्त चढ़ाया जाना है। जबकि रक्त की व्यवस्था 300 यूनिट तक सिमट कर रह गई है। उम्मीद है कि रक्तदान शिविरों के आयोजन का क्रम जारी रख कर बच्चों के लिए रक्त की व्यवस्था की जाएगी।
फैक्ट फाइल:-
– 1.42 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण।
– 980 बच्चे एनिमिक मिले।
– 620 बच्चे कुपोषित मिले।
– 738 गांवों में टीम का दौरा।
– 223 स्वास्थ्य टीम कर रही भ्रमण।
– 200 यूनिट शिविर में रक्तदान।
– 1.42 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण।
– 980 बच्चे एनिमिक मिले।
– 620 बच्चे कुपोषित मिले।
– 738 गांवों में टीम का दौरा।
– 223 स्वास्थ्य टीम कर रही भ्रमण।
– 200 यूनिट शिविर में रक्तदान।