जिले के बैढऩ व मोरवा शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के मद्देनजर पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू तो किया गया, लेकिन बजट के अभाव में अभी तक पूरा नहीं हो सका है। जबकि निर्माण कार्य पूरा करने की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है।पूर्व में शासन की ओर से स्वीकृत राशि के खप जाने के चलते बजट कम पड़ गया।नतीजा निर्माण कार्य भी ठप होने की स्थिति में है।
पाइपलाइन बिछाने के चल रहे कार्य को देखते हुए नहीं लगता है कि दोनों शहरों के लोगों को शुद्ध शोधित पेयजल एक वर्ष के भीतर मिल पाएगा। इस बात को खुद अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं कि कार्य पूरा करने और पेयजल की सप्लाई शुरू करने में अभी एक वर्ष तक का समय लगेगा। वह भी तब जब बजट की कमी को तत्काल पूरा कर दिया जाए।
डीएमएफ से मिला है बजट
जल प्रदाय योजना का कार्य पूरा किया जा सके। इसको लेकर जिले के डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड) से राशि की मांग की गई है। प्रस्ताव भेजे छह महीने से अधिक का वक्त बीत गया है, लेकिन अभी तक राशि जारी होने को हरीझंडी नहीं मिल सकी है। गौरतलब है कि डीएमएफ की राशि जिला प्रशासन की ओर से जारी की जानी है।
जल प्रदाय योजना का कार्य पूरा किया जा सके। इसको लेकर जिले के डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड) से राशि की मांग की गई है। प्रस्ताव भेजे छह महीने से अधिक का वक्त बीत गया है, लेकिन अभी तक राशि जारी होने को हरीझंडी नहीं मिल सकी है। गौरतलब है कि डीएमएफ की राशि जिला प्रशासन की ओर से जारी की जानी है।
योजना तैयार हुए पांच वर्ष बीता
अधिकारियों की माने तो जल आपूर्ति को लेकर योजना वर्ष २०१३ में बनाई गई थी, लेकिन अभी तक केवल आधा कार्य ही हो सका है। खुद अधिकारी भी 30 से 40 फीसदी कार्य बाकी बता रहे हैं। करीब एक साल पहले पानी की आपूर्ति शुरू कर देने का लक्ष्य निर्धारित रहा है, लेकिन अभी भी अधिकारी यह बता पाने में अक्षम हैं कि सप्लाई कब शुरू होगी।
अधिकारियों की माने तो जल आपूर्ति को लेकर योजना वर्ष २०१३ में बनाई गई थी, लेकिन अभी तक केवल आधा कार्य ही हो सका है। खुद अधिकारी भी 30 से 40 फीसदी कार्य बाकी बता रहे हैं। करीब एक साल पहले पानी की आपूर्ति शुरू कर देने का लक्ष्य निर्धारित रहा है, लेकिन अभी भी अधिकारी यह बता पाने में अक्षम हैं कि सप्लाई कब शुरू होगी।
फैक्ट फाइल:-
बैढऩ प्रोजेक्ट
101 करोड़ रुपए की बजट
62.6 एमएलडी क्षमता
मोरवा प्रोजेक्ट
35 करोड़ रुपए का बजट
11.9 एमएलडी क्षमता
बैढऩ प्रोजेक्ट
101 करोड़ रुपए की बजट
62.6 एमएलडी क्षमता
मोरवा प्रोजेक्ट
35 करोड़ रुपए का बजट
11.9 एमएलडी क्षमता