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Lok Sabha Election 2019 : Exit Polls के बाद सीकर पर टिकी निगाहें, जानें कौन जीत रहा है यहां से चुनाव

locationसीकरPublished: May 21, 2019 03:48:59 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

Rajasthan Lok Sabha Election 2019 : लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की सातों चरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 23 मई को मतगणना होगी। जिसमें यह तय हो जाएगा कि जनता ने किसे वोट दिया है और किसे चोट।

Lok Sabha Election 2019 : Exit Polls के बाद सीकर पर टिकी निगाहें, जानें कौन जीत रहा है यहां से चुनाव

Lok Sabha Election 2019 : Exit Poll के बाद सीकर पर टिकी निगाहें, जानें कौन जीत रहा है यहां से चुनाव

सीकर.

Lok Sabha Election 2019 के लिए मतदान की सातों चरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 23 मई को मतगणना होगी। जिसमें यह तय हो जाएगा कि जनता ने किसे वोट दिया है और किसे चोट। हालांकि इससे पहले विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल ( Exit Polls ) सामने आ गए हैं। जिसमें लगभग सभी एजेंसियों ने केंद्र में NDA की सरकार बनने का अनुमान लगाया है। इसी एग्जिट पोल में Rajasthan में भाजपा ( Bjp ) की 20 से 25 सीट की अटकलें लगाई जा रही है। ऐसे में सबकी निगाहें उन आधा दर्जन सीटों पर ज्यादा है, जहां लोकसभा सीट के लिए कांटे का मुकाबला है। इन्हीं सीटों में से एक सीट सीकर संसदीय सीट ( sikar lok sabha constituency ) मानी जा रही है। जहां भाजपा के स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ( Sumedhanand Saraswati ) और कांग्रेस के सुभाष महरिया ( Subhash Maharia ) जहां आमने सामने हैं, तो माकपा के अमराराम ( Amra Ram ) ने भी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रखा है। हालांकि ज्यादातर राजनीति पंडित यहां भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मान रहे हैं और दोनों प्रत्याशियों की जीत के दावों के साथ वोटों के अंतर के भी कयास लगा रहे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यहां भाजपा से तीन बार सांसद रहकर उसी भाजपा को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनौती दे रहे सुभाष महरिया बाजी मारेंगे या पिछले लोकसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़कर जीतने वाले सांसद सुमेधानंद सरस्वती फिर से संसद की सीट पर काबिज होंगे।

जीत हार में यह फेक्टर रहेगा अहम
सीकर में यदि भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी के जीत हार के तथ्यों पर नजर डालें तो भाजपा प्रत्याशी सुमेधानंद सरस्वती का सकारात्मक पक्ष उनका सांसद रहते हुए मेडिकल कॉलेज और लंबी दूरी की कुछ रेल शुरू करवाना, कुशल वक्ता व बेदाग छवि के साथ क्षेत्र के विकास के लिए सांसद निधी ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना है। उस पर मोदी फेक्टर भी उनकी जीत में भूमिका निभा सकता है। हालांकि राजनीतिक जोड़-तोड़ में कमजोर, पार्टी से कुछ नेताओं की कलह और जिले की आठोंं विधानसभा सीट पर कांग्रेस के कब्जे से उनका नकारात्मक पक्ष भी रहा है। इसी तरह कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष महरिया की बात करें तो तीन बार लोकसभा चुनाव जीतने का अनुभव, बेहतरीन चुनाव प्रबंधन के साथ सीकर की आठों विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा और संसदीय क्षेत्र की जबरदस्त पहचान और बेहतरीन नेतृत्व क्षमता उनका सकारात्मक पहलु है, तो कांग्रेस में भीतरी कलह व मोदी फेक्टर जनमत को उनके खिलाफ कर सकता है।

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