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Khatu Shyam Mela 2024: बाबा श्याम की मूरत ने किया मोहित, आस्था, उमंग व आनंद के साथ छाया असीम उल्लास….

Khatu Shyam Mela 2024: खाटूश्यामजी में फाल्गुनी लक्खी मेले में एकादशी पर बाबा श्याम मनोहारी रूप में दर्शन देने दर से बाहर आए तो भक्तों का प्रेम परवान और उल्लास आसमान छू गया।

सीकरMar 21, 2024 / 12:13 pm

Sachin

बाबा श्याम की मूरत ने किया मोहित, आस्था, उमंग व आनंद के साथ छाया असीम उल्लास....

बाबा श्याम की मूरत ने किया मोहित, आस्था, उमंग व आनंद के साथ छाया असीम उल्लास….

Khatu Shyam Mela 2024: खाटूश्यामजी में फाल्गुनी लक्खी मेले में एकादशी पर बाबा श्याम मनोहारी रूप में दर्शन देने दर से बाहर आए तो भक्तों का प्रेम परवान और उल्लास आसमान छू गया। उमंग की उमगन श्रद्धालुओं के मन में ना समाकर मानों हर और उमडकऱ बिखर गई। बरसते फूलों और उड़ते लाल, हरे, गुलाबी व केसरिया रंग की गुलाल के बीच बाबा श्याम के गगनभेदी जयनाद से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। प्रेम में डूबे भावुक भक्तों के तो प्रेमाश्रु गुलाल से रंगे गालों से बहते हुए भावों से भरे ह्रदय तक को छूने लगे।

रथ को छूने व पीछे छूटती रज को माथे पर लगाने की होड के साथ झोली फैलाकर बाबा श्याम का खजाना पाने की पिपासा भी प्रेम की पराकाष्ठा को प्रदर्शित कर रही थी। हाथ जोडकऱ, दंडवत कर तो कोई विह्वल ह्रदय से पुकारते हुए बाबा श्याम तक अपना भाव पहुंचा रहा था। बाबा श्याम की एक झलक की ललक में हर छत-छज्जे, चौखट- चौबारे व गली-कूचे श्रद्धालुओं से अट गए। अगाध आस्था, अपार उमंग, अनंत आनंद और असीम उल्लास के बीच श्याम प्रेम के रिसते रस से श्रद्धालुओं का रोम- रोम तरांतर नजर आया।

आरती के बाद निकली रथ यात्रा
श्याम बाबा की शोभायात्रा इस बार करीब एक घंटे देरी से दोपहर सवा बारह बजे रवाना हुई। श्रीश्याम मंदिर कमेटी के प्रताप सिंह चौहान, मंत्री श्याम सिंह चौहान, पूर्व अध्यक्ष मोहन दास चौहान, पृथ्वी सिंह चौहान, मानवेन्द्र सिंह आदि की अगुआई में आरती के बाद निकली शोभायात्रा में आगे दिल्ली का जनता बेंड श्याम भजनों की स्वर लहरिया बिखेरता हुआ चल रहा था। साथ में श्याम भक्त झूमते हुए चल रहे थे।

मोहनी मूरत ने मोहा मन

एकादशी पर बाबा श्याम की छवि मंत्र मुग्ध करने वाली थी। शोभायात्रा के दौरान सोने का मुकुट धारण कर हल्के बैंगनी रंग के बाने में श्याम सरकार हाथ में धनुष लेकर निकले, तो हर कोई उनकी बलैया लेने लगा। वहीं, मंदिर में भी केसरिया बाना धारण कर चंदन व पीत मुकुट पहने फूलों व ड्राई फू्रट से श्रृंगारित श्याम का अलौकिक रूप दूर से ही मन मोह रहा था। ऑर्चिड, गुलाब, कॉर्निशन, कृषान्तिमम, मोगरा, डेपी, मार्केट, ब्लू कोर्न, लेमन, जिप्सो, रजनीगंधा सहित कई सतरंगी व खुशबुदार फूलों व एस्प्रा घास सहित करीब 150 गजरों से सजी उनकी मोहनी मूरत हर किसी को मोहित कर रही थी।

इन गलियों से गुजरे श्याम
बाबा श्याम की शोभायात्रा श्याम मंदिर से श्याम कुण्ड, अस्पताल चौराहा, पुराना बस स्टेण्ड होते हुए कबुतरिया चौंक पहुंची। यहां यात्रा का विश्राम हुआ। करीब डेढ घंटे तक बाबा श्याम अपने भक्तों के संग रहे।

17 किमी चलते हुए तीन घंटे में हुए दर्शन
श्याम भक्तों की बढ़ी भीड़ को देखते हुए दर्शन व्यवस्था के लिए बुधवार को जिगजैग शुरू किए गए। ऐसे में भक्तों को रींगस रोड़ से पुराना बिजली ग्रिड, लामिया तिराहे से लखदातार मैदान में बने बड़े जिगजैग के बाद कुमावत कृषि फार्म से गुजरते हुए श्याम मंदिर पहुंचना पड़ा। करीब 17 किमी की इस यात्रा में श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिए दो से तीन घंटे का समय लगा।

बरामदों में आश्रय, जगह जगह लगा जाम

एकादशी पर बाबा श्याम के दर्शनों की मची होड में होटल व धर्मशालाओं के अलावा भंडारों व अस्थाई आश्रय स्थल भी श्रद्धालुओं से खचाखच भर गए। ऐसे में लोग चबूतरों व बरामदों में आश्रय लेने को मजबूर रहे। रात को भी सैंकड़ों लोग इधर-उधर बरामदों में शरण लिए नजर आए। इधर, भक्तों की भीड़ जाम का सबब भी रही। मंढा व अलोदा रोड पर दिनभर वाहनों की लंबी कतारें लगी रही। जयपुर रोड पर भी सीकर से जयपुर तक श्याम भक्तों का रैला जारी रहा।

सूरजगढ़ के निशान के साथ मेले का समापन आज

बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेले का समापन गुरुवार को सूरजगढ़ का निशान मंदिर पर चढऩे के साथ होगा। मंदिर के प्रधान सेवक हजारीलाल इंदौरिया ने बताया कि सूरजगढ़ वालों का इस बार 376 वां निशान बाबा के मंदिर में सुबह 11.15 बजे चढ़ाया जाएगा। जो पूरे साल मंदिर पर फहराएगा। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान एवं मंत्री श्याम सिंह चौहान ने बताया कि समापन पर मंदिर परिसर में सुप्रसिद्ध जिया बैंड अपनी प्रस्तुति देगा।

आज लगेगा खीर-चूरमे का भोग
खाटूश्यामजी के लक्खी मेले के समापन पर बाबा श्याम को परंपरागत रूप से खीर- चूरमे का भोग लगाया जाएगा। मंदिर कमेटी कोषाध्यक्ष कालू सिंह चौहान ने बताया कि साथ में छप्पन भोग की झांकी भी सजाई जाएगी।

रातभर बही भक्ति गंगा
एकादशी पर जहां खाटूश्यामजी के मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ था, वहीं रात को जगह- जगह भक्ति गीतों की गंगा भी बहती रही। धर्मशालाओं व होटलों के अलावा कई सार्वजनिक स्थलों पर भक्त मंडलियां भजनों से श्याम बाबा को रिझाने में जुटी रही।

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