script

जयगुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकांत महाराज ने सीकर में कही ये बड़ी बात

locationसीकरPublished: Jul 21, 2019 06:35:55 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

मांस मनुष्य का भोजन नहीं है। यह बीमारियों का घर है। शराब के सेवन से व्यक्ति की बुद्धि खराब हो जाती है।

sikar local news

जयगुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकांत महाराज ने सीकर में कही ये बड़ी बात

सीकर.

जयगुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकांत महाराज ने समाज को नशे से दूर रहने का संदेश दिया है। उन्होंने यहा प्रधानजी के जाव में सत्संग में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए संत उमाकांत ने कहा कि मांस मनुष्य का भोजन नहीं है। यह बीमारियों का घर है। शराब के सेवन से व्यक्ति की बुद्धि खराब हो जाती है। शराबी व्यक्ति पशु के समान होता है। वर्तमान दौर में अपराध बढऩे का भी प्रमुख कारण शराब है। उन्होंने कहा कि गुरु के बताए मार्ग पर चलकर भजन करने से भगवान की प्र्राप्ति होती है। सत्संग के दौरान उन्होंने किसी भी प्रकार का नश नहीं करने, शाकाहारी रहने और अपराधिक गतिविधियों से दूर रहने का संदेश दिया। इससे पहले दुजोद स्थित जयगुरूदेव आश्रम में संत उमाकांत का स्वागत किया गया। सत्संग के दौरान पुष्करदत्त शर्मा, वैद्य रामकरण शर्मा, विश्वनाथ शर्मा, राजेश पंवार, मगन सिंह शेखावत, प्रदीप सैनी, संजीव पारीक आदि उपस्थित थे।
राम से बड़ा राम का नाम: संत डूंगरदास
सीकर. संत डूंगरदास महाराज ने कहा है कि भगवान से बड़ा उनका नाम है। भगवान के दो रूप है एक सगुण और एक निर्गुण, लेकिन राम नाम के उच्चारण में सगुण निर्गुण दोनों रूप प्रकट होते हैं। यहां कृष्ण सत्संग भवन में चातुर्मास कर रहे महाराज ने कहा कि नाम के प्रभाव से शिव मंगल स्वरूप हो जाते हैं। प्रहलाद नाम के ही प्रभाव से भक्त शिरोमणि हो जाते हैं। तीनों लोक, चारों वेदों में नाम का ही प्रभाव है।

ट्रेंडिंग वीडियो