महिला दलाल सोनोग्राफी के लिए 30 हजार और गर्भपात के लिए 20 हजार रुपए लेती थी। कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीसीपीएनडीटी शिल्पा चौधरी के नेतृत्व में की गई। डिकॉय के दौरान टीम ने डिकाय राशि 30 हजार रुपए भी बरामद की है। महिला दलाल सामान्य सोनोग्राफी करवाकर गर्भवती व परिजनों को बेटा होने की की जानकारी देकर ठगी का काम करती थी।
पांच साल से सक्रिय
सीकर के रामगढ़ शेखावाटी के वार्ड आठ स्थित राजकीय बालिका खेमका के पास निवासी संगीता शर्मा चूरू, सीकर व झुंझुनूं जिले में गर्भवती महिलाओं के भ्रूणलिंग जांच करवाने में सक्रिय होने की जानकारी मिल रही थी।
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संगीता ने सीकर व झुंझुनूं में डिकॉय होने के बाद चूरू जिले को चुना। चूरू के एक निजी अस्पताल में दाई का काम करने वाली महिला रोजाना रेल से चूरू जाती थी। इसके लिए उसने पास भी बना रखा है। सूचना की पुष्टि के बाद डिकॉय ऑपरेशन के लिए टीम का गठन किया गया। टीम ने संगीता शर्मा से बात की और 30 हजार रुपए में भ्रूणलिंग जांच की बात कही।
तीन चिकित्सक सहित कई दलाल गिरफ्तार
भ्रूणलिंग परीक्षण कर कोख में पल रही बेटी का गर्भपात कराने में सबसे अहम भूमिका खुद महिलाएं ही निभा रही हैं। दलाल महिला होने के कारण गर्भवती भी उसके झांसे में आसानी से आ जाती है। जिनके संबंध भ्रूणलिंग परीक्षण में शामिल चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ व बाकी दलालों से सामने आ चुके हैं। सीकर जिले में सबसे पहली कार्रवाई 2009 में की थी। डिकॉय ऑपरेशन में सीकर जिले में चार चिकित्सकों सहित करीब तीन दर्जन से ज्यादा दलाल गिरफ्तार हो चुके हैं।
संविदाकर्मी भी शामिल है
दलाल संगीता शर्मा झुंझुनूं की गर्भवती महिला को साथ लेकर चूरू के रतनगढ़ ले गई। यहां राजकीय उप जिला चिकित्सालय में ले जाकर दलाल संगीता ने गर्भवती की चिकित्सक से पर्ची बनवा ली। बाद में गर्भवती महिला को दलाल संगीता व राजकीय उप चिकित्सालय में संविदा पर काम कर रहे रतनगढ़ के गौरीसर गांव निवासी राजेन्द्र प्रसाद जांगिड़ (35) निजी सोनोग्राफी सेंटर पर ले गए। सोनोग्राफी सेंटर पर गर्भवती की साधारण सोनोग्राफी करवाई गई।
यूं बनाती थी निशाना
पूछताछ में दलाल ने बताया कि महिला दलाल ने शेखावाटी के सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले में जाल फैला रखा था। महिला दलाल पहले चिकित्सकों से संपर्क कर गर्भवती महिला तक पहुंचती और इसके बाद सोनोग्राफी का खेल शुरू करती थी।
बेटे का मोह पैदा कर गर्भवती महिला को कोख में पल रहे भ्रूण के परीक्षण का झांसा देकर इनको चिकित्सक व सोनोग्राफी करने वाले स्टाफ के पास पहुंचाया जाता। अधिकांश मामलों में फर्जी सोनोग्राफी के जरिए ज्यादातर प्रसूताओं को कोख में बेटी बताकर गर्भपात करवा देती थी। गर्भपात के लिए महिला अलग-अलग स्थानों पर प्रसूता को लेकर जाती थी। इसकी पूछताछ की जा रही है।
यूं हुई कार्रवाई
राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी नवीन जैन ने बताया कि टीम ने कार्रवाई कर दलाल संगीता शर्मा व लैब सहायक राजेन्द्र जांगिड़ को गिरफ्तार कर हू-ब-हू नम्बर की डिकॉय राशि जब्त कर ली। पीपीएनडीटी सैल के सीआई उमेश निठारवाल के नेतृत्व में पीसीपीएनडीटी समन्वयक चूरू राजकुमार बैरवा, सीकर समन्वयक नंदलाल पूनिया आदि मौजूद थे।