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उसमें उन्होंने लिखित में दिया है कि बाइक पूरी जल गई है। केवल लोहा-लोहा ही बचा है और जली बाइक थाने में खड़ी कर रखी है। जानकारी के अनुसार बाइक जलने के मामले में पुलिस प्रशासन को दो अलग-अलग रिपोर्ट भिजवाई गई है। जिसमें एसएचओ का कहना है कि घटना स्थल पर बाइक जल रही थी, जिस पर पानी डालकर आग को बुझाया भी गया। लेकिन, बाइक के टायर, ट्यूब सहित सब कुछ जल गया और केवल पांच किलो लोहा ही बच पाया है। इधर, एसडीएम का रिपोर्ट में कहना है कि उनके यहां कोई बाइक नहीं जलाई गई है।
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हालांकि बाइक को जलाने का प्रयास जरूर किया गया था। लेकिन, बाइक सही सलामत बच गई थी। एेसे में दोनों अधिकारियों की ओर से दी गई विरोधाभाषी रिपोर्ट पर अधिकारी भी हैरान हैं कि आखिर सही रिपोर्ट किसकी मानी जाए। गौरतलब है कि कस्बे के बेसवा रोड पर स्थित सुभाष स्कूल में फर्जी मतदान को लेकर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में झड़प होने के बाद दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया था। पत्थरबाजी के बाद बूथ के पीछे की साइड खड़ी बाइक को आग के हवाले कर दिया गया था।
पिछली बार जली कैंपर
विधानसभा चुनाव 2013 में भी कस्बे के वार्ड संख्या 15 के बूथ राजकीय नेवटिया स्कूल के पास दो पक्षों में हुए विवाद के बाद एक केंपर गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनने पर पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया था और एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने के प्रयास में जुट गए थे।
मालिक भी खा गया धोखा
बाइक जलने के मामले में उसका मालिक भी धोखा खा गया था। उसे नहीं पता था जिस जली बाइक को पुलिस थाने लेकर गई है, वह उसी की है। क्योंकि बाइक खड़ी कर वह बूथ में मत डालने चला गया था। इसके बाद उसने अपनी बाइक को संभाला और नहीं मिलने पर थाने पहुंचा तो पता चला कि जलने वाली बाइक उसी की थी। उसने थाने में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया।
इनका कहना
एसएचओ मौके पर गया था। उसी के आधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। पीडि़त ने मुकदमा दर्ज करवाया है। जांच की जाएगी।
डा. तेजपाल सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीकर