Rajasthan Loan Waiver : सीकर से बनी थी राजस्थान किसान क़र्ज़ माफ़ी की बुनियाद, ये रहा सबूत
गुरुवार को राजस्थान सचिवालय से लेकर गांव—गुवाड़ और खेत—खलिहान तक में सिर्फ कर्ज माफी की ही चर्चा होती रही। इस बीच सीकर के किसानों ने कर्ज माफी को धोखा बताते हुए सीकर किसान आंदोलन पार्ट—3 का ऐलान कर डाला है। 21 दिसम्बर 2018 को कर्ज माफी के खिलाफ सीकर जिला मुख्यालय व तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन का फैसला किया गया है।
राजस्थान कर्ज माफी : दो लाख किसानों का होगा लोन माफ, यह शर्त करनी होगी पूरी
सीपीआई (एम) राज्य सचिव कामरेड अमराराम व जिला सचिव कामरेड किशन पारीक ने सयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए बताया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के पहले कोंग्रेस ने राजस्थान के सभी किसानों का सम्पूर्ण कर्जा बिना शर्त माफ करने का वादा किया था जबकि अब सरकार ने दो लाख का कर्ज माफ करने की सीमा घोषित करते हुए सहकारी बैंकों के अलावा राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जदार किसानों पर डिफाल्टर की शर्त थोपकर धोखा किया है।
इसलिए सीपीआईएम सभी किसानों का बिना शर्त सम्पूर्ण कर्जा माफ करने की मांग करती है। इसी मांग के समर्थन में 21 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे जिला कलेक्ट्रेट सहित उपखण्ड कार्यालयों पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया जाएगा।
बता दें राजस्थान में किसान का कर्ज माफ करवाने के लिए सितम्बर 2017 व फरवरी 2018 में सीकर के किसान आंदोलन कर चुके हैं, जिन्हें सीकर किसान आंदोलन पार्ट 1 व 2 का नाम दिया गया था। अब सीकर किसान आंदोलन पार्ट 3 होगा।
यह भी मांग नहीं हुई पूरी
सीपीआईएम नेताओं की मानें तो राज्स्थान सरकार ने बेरोजगारों को 3500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने की मांग भी पूरी नहीं की है। इसके अलावा बाजरे का समर्थन मूल्य 1950 रुपए हैं लेकिन सरकारी खरीद नहीं होने के कारण किसान बाजारा 1100 रुपये व मूंग 6975 के मुकाबले 3500 रुपये में बेचने को किसान मजबूर हैं।
राजस्थान के सभी किसानों के सम्पूर्ण कर्ज माफ किए जाने के लिए सीकर के किसानों ने दो बार आंदोलन किया था।
सीकर में बोए गए थे राजस्थान कर्ज माफी के बीज, ये रहा सबूत
सीकर. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी किसानों का कर्ज माफ कर दिया है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बुधवार को किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफी की घोषणा की है। तीनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव 2018 के बाद कांग्रेस की सरकार बनी है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने सत्ता में आने पर 10 दिन में किसानों के कर्ज माफ किए जाने का वादा किया था, जो निर्धारित समय में ही पूरा कर दिया।
बता दें किसानों के कर्ज माफ किए जाने के बीज मध्यप्रदेश में मंदसौर किसान आंदोलन और राजस्थान में सीकर किसान आंदोलन के जरिए बोए गए थे। बात अगर सीकर किसान आंदोलन 2017 की करें तो महज 13 दिन में ही किसानों ने तत्कालीन भाजपा सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया था और 50 हजार तक के सहकारिता के लोन तो उसी समय माफ भी करवा लिए थे, मगर इसके बाद भी सीकर के किसान चुप नहीं बैठे और पूरा लोन माफ करवाने के लिए फरवरी 2018 में फिर से आंदोलन किया।
क्या था सीकर किसान आंदोलन
—किसान नेता अमराराम व पेमाराम के नेतृत्व में सीकर के हजारों किसानों ने 1 सितम्बर 2017 से आंदोलन शुरू किया था।
—स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने व लोन माफी समेत 13 मांगों को लेकर किसानों ने सीकर कृषि उपज मंडी में महापड़ाव डाला।
—सीकर में कृषि मंडी से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली,जिसेे न केवल टैक्सी, डीजे संचालकों बल्कि व्यापारियों का भी भरपूर समर्थन मिला।
—सीकर कृषि मंडी में महापड़ाव डाले बैठे किसानों की सरकार ने कोई सुध नहीं ली तो 10 सितम्बर 2017 से किसानों ने जाम लगा दिया।
—सीकर जिले में किसानों ने लगभग 200 मार्गों में नाके बनाए और आवागमन बाधित कर डाला। अकेले सीकर जाम की वजह से आस—पास के 8 जिले प्रभावित हुए।
—सीकर किसान आंदोलन से चूरू, झुंझुनूं, बीकानेर, नागौर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, जयपुर समेत हरियाणा व दिल्ली मार्ग बाधित हुआ।
—सीकर किसान आंदोलन की खास बात यह भी थी कि इसमें पुरुषों के साथ—साथ महिला किसानों ने भी मोर्चा संभाला था।
—किसानों ने जाम स्थल पर ही रात बिताने के साथ—साथ भोजन भी वहीं बनाया और खाया।
—इसके बाद तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से जयपुर में वार्ता की और 50 हजार रुपए तक के लोन माफ किए।
—50 हजार रुपए तक की ऋण माफी योजना के दायरे में सहकारिता लोन वाले ही किसान आए थे।
—ऐसे में फरवरी 2018 में सीकर के किसानों ने सम्पूर्ण ऋण माफ किए जाने की मांग को लेकर फिर से आंदोलन किया।
—इस बार जयपुर कूच कर विधानसभा घेराव का ऐलान किया गया था। प्रदेशभर के सैकड़ों किसान जत्थे के रूप में अलग अलग जिलों से जयपुर के लिए रवाना हुए।
—राजस्थान सरकार ने किसान नेताओं को जयपुर पहुंचने से पहले ही रास्ते में कालाडेरा समेत कई जगहों से पकड़कर जेल भिजवा दिया।
—सरकार के इस कदम से शेष किसानों ने अपने नेताओं की रिहाई, कर्ज माफी समेत अन्य मांगों को लेकर फिर से जाम लगा दिया।
—सीकर के रामू का बास तिराहे पर जाम लगाए बैठे किसानों के कारण तीन से चार किलोमीटर तक वाहनों की लाइनें लग गई।
—दो दिन के इस जाम के बाद प्रदेश के अन्य जिलों के किसानों ने भी अपने क्षेत्र में जाम लगाने को ऐलान किया तो सरकार बेकफुट पर आ गई।
—उस समय राजस्थान सरकार ने न केवल किसान नेताओं को रिहा किया बल्कि किसानों के सम्पूर्ण कर्ज माफ किए जाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
—राजस्थान में सीकर किसान आंदोलन का ही नतीजा है कि इस बार चुनाव के बाद कर्ज माफ हो गए।
राजस्थान कर्ज माफी : दो लाख किसानों का होगा लोन माफ, यह शर्त करनी होगी पूरी
सीकर.
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 से पूर्व कांग्रेस की ओर से राज्य की नवगठित कांग्रेस सरकार ने दस दिन से पहले ही कर्जा माफी का तोहफा दे दिया है।
गुरुवार को कृषि सहकारिता व कृषि विभाग से वार्ता के बाद इसकी घोषणा की। अधिकृत जानकारी के अनुसार किसानों के दो लाख रुपए के कर्जा माफ करने की घोषणा की है। कर्ज माफी घोषणा के साथ ही जिले के किसानों के खुशी की लहर दौड़ गई। किसानों की आस अब सरकार की ओर से जारी होने वाली गाइड लाइन पर टिक गई है। बैंकों से ली गई जानकारी के अनुसार सरकार के इस कर्जा माफी का फायदा जिले के करीब दो लाख से ज्यादा किसानों को होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि सीकर जिले में चार हजार दो सौ करोड का फसली ऋण है। जबकि पूरे राज्य में यह कर्जा करीब 99 हजार करोड़ रुपए का है।
अब केवल केसीसी का कर्ज
बैंकों के अनुसार कर्ज की यह राशि केवल किसान क्रेडिट कार्ड पर है। इसमें किसान की ओर से अन्य किसी प्रकार का लिया गया ऋण शामिल नहीं है। इस साल तत्कालीन भाजपा सरकार ने सहकारी समितियों से ब्याजमुक्त फसली ऋण लेने वाले के 50 हजार रुपए माफ किए थे।
पूरे राजस्थान में 59 लाख किसानों पर कर्जा
प्रदेश में करीब 59 लाख किसान कर्जदार हैं। कांग्रेस अब अपना वादा पूरा करती है तो इन किसानों को कर्ज माफ करने के लिए 99 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। बैंकों से इस 31 मार्च 2018 में कुल कर्ज और 30 नवम्बर 2018 के कर्ज की स्थिति की जानकारी मांगी है। जिससे पता चल सके कि कितनी राशि एनपीए हो चुकी है।
राजस्थान में कर्जे की स्थिति
राष्ट्रीयकृत बैंक खाते 248 6 575, लोन राशि 5408 020, पुराने निजी क्षेत्र बैंक खाते 52010, लोन राशि19127, नए निजी क्षेत्र बैंक खाते 718 427, लोन राशि 1772140, व्यावसायिक बैंक कुल लोन 7270720, ओवरसीज बैंक खाते 7223 लोन राशि 71433, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक खाते-796 08 4, लोन राशि 145056 1, सहकारी क्षेत्र के बैंक खाता 18 256 42 लोन राशि 58 8 596 1 कुल खाते 58 8 596 1 लोन राशि 9999587
प्रदेश के प्रत्येक किसान का कर्ज माफ होना चाहिए। जिससे की किसान की माली हालत में कुछ सुधार हो सके एवं किसान के कृषि उपकरण, बीज व खाद पर सब्सिडी मिलनी चाहिए।
जीवण सिंह, किसान,