सीकर. सुबह नौ बजे का वक्त। दूर तक सजे-धजे हाथी। गाजा-बाजे के साथ जयघोष। रविवार की यह सुबह शहरवासियों के लिए यादगारबन गई थी। वजह थी एक साथ पहली बार शहर में इतनी बड़ी संख्या में सडक़ों पर हाथी निकले थे। शाही लावाजमे के साथ आगे बढ़ रहे इन हाथियों को देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। मौका था जैन समाज की ओर से निकाली गई शोभायात्रा का। जानकारी के अनुसार सीकर में चातुर्मास कर रहे जैन मुनि विश्रांत सागर जी महाराज के सानिध्य में रविवार सुबह जैन समाज की ओर से शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बजाज रोड स्थित दंग की नसिंया से रवाना हुई, जो तापडिय़ा बगीची, स्टेशन रोड, जाट बाजार और सुभाष चौक से होती हुई वापस दंग की नसियां पहुंची। शोभायात्रा में 24 हाथी, घोड़े व बैंडबाजे शामिल रहे। रास्ते में जगह-जगह शोभायात्रा का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। महिलाओं ने आरती की। इस दौरान जैन समाज के पुरुषों के साथ काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हुए। बाजार में कई जगह रंगोलियां बनाई गई। जैन समाज की ओर से शोभायात्रा को भव्य रूप देने के लिए इसमें हाथियों का काफिला भी शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि एक साथ 24 हाथी जयपुर समेत कई जगहों से सीकर लाए गए हैं। शोभायात्रा के दौरान हाथी अनियंत्रित नहीं हो इसके लिए इन पर महावत भी सवार थे।
सीकर. सुबह नौ बजे का वक्त। दूर तक सजे-धजे हाथी। गाजा-बाजे के साथ जयघोष। रविवार की यह सुबह शहरवासियों के लिए यादगारबन गई थी। वजह थी एक साथ पहली बार शहर में इतनी बड़ी संख्या में सडक़ों पर हाथी निकले थे। शाही लावाजमे के साथ आगे बढ़ रहे इन हाथियों को देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। मौका था जैन समाज की ओर से निकाली गई शोभायात्रा का। जानकारी के अनुसार सीकर में चातुर्मास कर रहे जैन मुनि विश्रांत सागर जी महाराज के सानिध्य में रविवार सुबह जैन समाज की ओर से शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बजाज रोड स्थित दंग की नसिंया से रवाना हुई, जो तापडिय़ा बगीची, स्टेशन रोड, जाट बाजार और सुभाष चौक से होती हुई वापस दंग की नसियां पहुंची। शोभायात्रा में 24 हाथी, घोड़े व बैंडबाजे शामिल रहे। रास्ते में जगह-जगह शोभायात्रा का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। महिलाओं ने आरती की। इस दौरान जैन समाज के पुरुषों के साथ काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हुए। बाजार में कई जगह रंगोलियां बनाई गई। जैन समाज की ओर से शोभायात्रा को भव्य रूप देने के लिए इसमें हाथियों का काफिला भी शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि एक साथ 24 हाथी जयपुर समेत कई जगहों से सीकर लाए गए हैं। शोभायात्रा के दौरान हाथी अनियंत्रित नहीं हो इसके लिए इन पर महावत भी सवार थे।