आरोप है कि सुलखनिया फतेहपुर निवासी मोहनलाल झूरिया पुत्र हनुमान व डूंगरगढ़ निवासी केसर राम पुत्र मांगीराम उसके पास आए और कहा कि वे दोनों पैसे देकर एफसीआई में नौकरी लगे हैं। उनकी दिल्ली में एक बड़े साहब से जान पहचान है। उनकी बातों पर यकीन नहीं हुआ तो उन्होंने खुद के ज्वाइनिंग लेटर भी दिखाए। आरोपियों ने उसको कहा कि फिलहाल रेलवे व आयकर विभाग में पद खाली हैं और 100 प्रतिशत गारंटी से नौकरी लगवा देंगे।
इस पर मोहनलाल ने अपने भतीजे व कुछ रिश्तेदारों के बच्चों के पांच लाख रुपए इनको दे दिए। आरोपियों ने उन युवकों फर्जी कागजात व पुलिस वेरिफिकेशन के फार्म भी दिए। इसके बाद कहा कि जल्द ही काम हो जाएगा। इसके बाद आरोपी बार बार झांसा देते रहे और उनसे कुल 17 लाख 30 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद भी जब काम नहीं हुआ तो आरोपियों ने कहा कि पैसे वापस दे देंगे। बाद में इन्होंने पैसे भी वापस नहीं दिए।
दलालों के झांसे में फंस रहे हैं युवा
जिले में इससे पहले भी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे दलाल युवाओं को अपने झांसे में ले रहे हैं जबकि ये पूरी तरह फर्जीवाड़ा करते हैं। पिछले दिनो कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी पुलिस ने ऐसा ही गिरोह पकड़ा था। ऐसे दलालों की विभाग में कोई जान पहचान नहीं होती है लेकिन ये किसी न किसी तरह युवाओं को झांसे में ले लेते हैं।