बोर्ड ने सबसे पहले परीक्षा लेने वाले परीक्षक के अंकों के आधार पर परिणाम जारी किया है। इससे पहले विद्यार्थियों ने जिला मुख्यालय पर कलक्ट्रेट से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने जमकर प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों का कहना था कि बारहवीं का परिणाम जारी हुए लगभग दो महीने का समय हो चुका है। लेकिन पलसाना के नवनीत विद्या मंदिर का परिणाम जांच के नाम पर रोक रखा है। मामले में परिणाम जारी होने पर अपनी-अपनी जीत के दावे भी किए।
पुराना परीक्षक सही
बोर्ड ने सबसे पहले परीक्षा कराने आए सतवीर सिंह भास्कर की परीक्षा की रिपोर्ट को ही वैद्य मानते हुए परिणाम जारी किया है। बोर्ड सूत्रों के अनुसार प्रायोगिक परीक्षा के दौरान संस्था संचालक ने परीक्षक पर कई आरोप लगाए थे। जांच में परीक्षक पर लगाए गए आरोप झूठे पाए गए। इस बीच बोर्ड ने दूसरे परीक्षक को भेजकर भी परीक्षा करा ली थी। ऐसे में कई दिनों से यही सवाल था कि बोर्ड कौनेसे परीक्षक के अंकों के आधार पर परिणाम जारी करेगा।
साख का बना सवाल
परिणाम जारी नहीं होने का मामला कई दिनों से चर्चा में था। ऐसे में गृह जिला होने के कारण शिक्षा मंत्री ( education minister ) की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे थे।