राजस्थान फसली ऋण माफी योजना 2018 के तहत कई किसानों को योजना के दायरे से बाहर कर दिया है। सरकार के वादा खिलाफी के इस आदेश से प्रदेश में किसानों की नींद उड़ा दी है। योजना के दायरे में आने वाली शर्तों के कारण प्रदेश के करीब नौ लाख किसान लाभ उठाने से वंचित हो जाएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में सहकारी बैंकों के जरिए फसली ऋण लेने वालों की संख्या करीब 30 लाख है।
सीकर के 42 हजार किसान होंगे प्रभावित
सरकार की ओर से गुरुवार को जारी किए आदेश में कई श्रेणियों को ऋण माफी के दायरे से बाहर किया गया है। सीकर जिले में सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक के 1 लाख 16 हजार 266 किसान हैं। जिन्हें साढ़े पांच अरब रुपए का फसली ऋण दिया गया है। नए आदेश में सबसे अधिक परेशानी आयकर दाता, केन्द्र व राज्य सरकार से नियमित पेंशन लेने वाले किसानों को बाहर करने से होगी। जिले के अधिकारियों की माने तो इन शर्तों के दायरे में 29 से 33 प्रतिशत तक किसान आ जाएंगे। जिनकी संख्या 42 हजार पांच सौ 70 है। विभागीय अधिकारी नए आदेश आने के बाद एक बार फिर लिस्ट बनाने में जुट गए हैं।
ये थी राजस्थान बजट 2018 घोषणा
राजस्थान सरकार बजट 2018 की घोषणा में 30 सितंबर 2017 को अवधिपार ऋण पर समस्त शास्तियां एवं ब्याज तथा लघु एवं सीमांत कृषकों के 30 सितंबर 2017 तक अल्पकालीन फसली ऋण में से 50 हजार रुपए तक के कर्जे एकबारीय माफ करने की घोषणा की गई थी। जिसमें केन्द्रीय सहकारी बैंक और प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक के लघु व सीमांत किसानों के अवधिपार व अन अवधिपार ऋण ही माफ होने थे।
अब यह है आदेश
रजिस्ट्रार सहकारी समितियां राजस्थान की ओर से जारी आदेश के अनुसार आयकर दाता किसान, नियमित पेंशन धारक, केन्द्र व राज्य सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी, वर्तमान व पूर्व सांसद- विधायक, केन्द्र व राज्य मंत्री मंडल के वर्तमान और पूर्व सदस्य, विभिन्न निगम में नियुक्त केबिनेट का दर्जा प्राप्त पदाधिकारी, राज्य स्तरीय आयोग में नियुक्त अधिकारी एवं सदस्य को ऋण माफी से पृथक किया गया है।
इनका कहना है…
नए आदेश के बाद प्रदेश में नए सिरे से लिस्ट तैयार हो रही है। इस लिस्ट के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा।
– दिलीप कृष्णियां, प्रबंधक सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक