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राजस्थान चुनाव में मुर्गियों के कारण वोट नहीं डालेंगे इस गांव के मतदाता

locationसीकरPublished: Nov 11, 2018 11:40:49 am

Submitted by:

vishwanath saini

झुंझुनूं जिले के चिड़ावा के कुतुबपुरा गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार के बाद भी मुर्गी फार्म बंद नहीं होने पर गांव छोडऩे का फैसला लिया है।

Murgiya

Rajasthan Election 2018 boycott Due to poultry farm house in Kutubpura

चिड़ावा. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में महीनेभर भी नहीं बचा है। भाजपा-कांग्रेस की टिकटों का वितरण अब किसी भी समय हो सकती है। इस बीच राजस्थान के झुंझुनूं में मुर्गियां चर्चा में हैं। यहां के चिड़ावा उपखण्ड की धत्तरवाला ग्राम पंचायत के कुतुबपुरा के मतदाताओं ने गांव के पास बने मुर्गीफार्म से आने वाली दुर्गंध, मक्खी-मच्छरों से परेशान होकर ग्रामीणों ने लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव मतदान का बहिष्कार करने की ठान ली है।

 

 

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राजस्थान विधनसभा चुनाव 2018 में वोट नहीं डाले जाने के बावजूद मुर्गी फार्म बंद नहीं हुआ तो ग्रामीण सामूहिक रूप से गांव को छोड़ देंगे। मुर्गी फार्म को हटवाने के लिए ग्रामीण लगातार मांग उठाते आ रहे हैं पर प्रशासन बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। चुनावी माहौल में ग्रामीणों ने इस मांग को विधानसभा चुनावों के वोटों से जोड़ दिया है। परेशान होकर ग्रामीण जाजम बिछाकर फार्म के पास ही धरने पर बैठ गए हैं।

 

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शनिवार दोपहर में तहसीलदार सुरेश कुमार हरसोलिया धरना स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की। परंतु ग्रामीणों के हठ के आगे तहसीलदार
को वापस लौटना पड़ा।

 

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मुर्गी फार्म से परेशानी


-मामले के अनुसार कुतुबपुरा गांव के पास हरियाणा की एक फर्म ने मुर्गी फार्म खोल रखा है जिसकी वजह से वातावरण दूषित हो रहा है।

-मुर्गियों के वेस्ट से हर समय दुर्गंध आती रहती हैं अैर मक्खी-मच्छर पैदा होने से लोगों का जीना दुभर हो रहा है।

-बरसात के मौसम में तो हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाते हैं। प्रशासन को समस्या के संबंध में पहले भी अवगत करवाया जा चुका है। मगर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

-ऐसे में मुर्गी फार्म बंद नहीं हुआ तो मतदान का बहिष्कार करेंगे। अगर फिर भी समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीण सामूहिक रूप से गांव को छोड़ देंगे।

-धरने में सरपंच प्रतिनिधि महेश धत्तरवाल, दयाराम बुडानिया, भोपालसिंह चारण, रतनसिंह चारण, जगदीशसिंह, उम्मेदसिंह, रामसिंह पावडिय़ा, सुरेश धत्तरवाल, सुनील धत्तरवाल, महेंद्र धत्तरवाल, श्रवणकुमार, रामसिंह पावडिय़ा आदि शामिल थे।

 

दर्जनभर से ज्यादा पशुओं की मौत

 

ग्रामीणों का कहना है कि मुर्गी फार्म के दुर्गंध, मक्खी-मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से दर्जनभर पशुओं की मौत हो चुकी है। जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो इंसानों में भी बीमारियां फैल सकती हैं।

 

तहसीलदार ने लिया जायजा


तहसीलदार हरसोलिया ने मुर्गी फार्म का भी जायजा लिया। उन्होंने फार्म के प्रतिनिधि से वेस्ट निस्तारण, मक्खियों के लार्वा को नष्ट करने की प्रक्रिया, पानी के लिए बनाए गए बोरवेल सहित अन्य जानकारी ली। तहसीलदार ने गंदे पानी व वेस्ट का सही निस्तारण करने के भी निर्देश दिए।

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