लूट के सोने में उलझी पुलिस, बरामदगी जीरो
सीकरPublished: Apr 30, 2019 06:43:45 pm
चोरी तथा लूट का सोना बरामद करने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। स्थिति यह है कि घटना के इतने दिनों बाद भी पुलिस 14 लाख का सोना चुरा ले जाने वाले बंगाली कारीगरों को पकड़ पाई है।
लूट के सोने में उलझी पुलिस, बरामदगी जीरो
सीकर. चोरी तथा लूट का सोना बरामद करने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। स्थिति यह है कि घटना के इतने दिनों बाद भी पुलिस 14 लाख का सोना चुरा ले जाने वाले बंगाली कारीगरों को पकड़ पाई है। ना ही लूटेरों से लूटा गया 700 ग्राम सोना बरामद कर पाई है। जबकि हर वारदात के बाद संदिग्धों के सीसीटीवी में कैद हुए चेहरे पीडि़तों ने पुलिस को सौंप दिए थे। बावजूद इसके आरोपी हाथ नहीं लगना पुलिस ढिलाई की पोल खोल रहा है।
5 किलो लूटा था सोना
पांच किलो सोना लूटने वाले गिरोह को पुलिस ने 23 मार्च को दबोच लिया था। लेकिन, गिरोह के सदस्यों से पुलिस केवल चार किलो तीन सौ ग्राम सोना ही बरामद कर पाई। जबकि लूटे गए सात सौ ग्राम सोने की पुलिस को भनक तक नहीं लग पाई है। मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था।
छह लाख का सोना पार
घंटाघर के पास निकिता ज्वैलर्स के यहां से दो बंगाली कारीगर 31 जनवरी को छह लाख का सोना चुरा ले गए थे। दुकान मालिक मालिक महेंद्र ने दोनों बंगाली कारीगर मोसिद व फिरोज को बाहर से बुलाकर काम पर रखा था। लेकिन, दोनों खाना खाकर आने का बहाना बनाया और दराज में रखा सोना भी अपने साथ ले गए। काफी देर भी जब दोनों नहीं लौटे तो गफलत का पता चला। इसके बाद मौके पर पुलिस भी पहुंची। लेकिन, दोनों का पता लगाने में उसे अभी तक सफलता नहीं मिली है।
आठ लाख थी चोरी
सुभाष चौक स्थित महालक्ष्मी मार्केट से 29 जनवरी को बंगाली कारीगर मिराज अपने मालिक रणजीत की दुकान से नौकरी के पहले ही दिन आठ लाख का सोना चुरा ले गया था। रणजीत ने कारीगर मिराज को मुंबई से बुलाया था। लेकिन, दुकान खोलने के चंद समय बाद जब रणजीत किसी काम से बाहर गया तो पीछे से बंगाली कारीगर ने दराज में रखा सोना अपने कपड़ों में छुपाया और पार हो गया। पुलिस मौका मुआयना करती रही और चोर आगरा होता हुआ अपने घर पहुंच गया था। लेकिन, पुलिस ने वहां तक जाने की जहमत नहीं उठाई और आरोपी वहां से भी फरार हो गया।
लीपापोती के आरोप
पीडि़तों का कहना है कि पुलिस लीक पीट रही है। वे लोग अपने स्तर पर सोना चुरा ले जाने वालों की खोजबीन में जुटे हैं। पुलिस यदि वारदात के बाद तुरंत सक्रिय हो जाती तो चोर पकड़े जा सकते थे।