गार्ड को थमाई पर्ची
एसपी आवास के बाहर बेहोश होने से पहले उसने गेट के गार्ड को वह कागज सौंप दिया था। यहां भी मुकेश के मोबाइल पर सूदखोर का फोन आ रहा था। जिससे गार्ड ने भी बात कर उसको मुकेश की हालत के बारे में बता दिया था। इधर, अस्पताल में भर्ती होने के बाद पुलिस मुकेश के पास पहुंची और उसके बयान रेकार्ड किए। जिनके आधार पर तीनों नामजद लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।
दो आरोपी फरार
एएसआइ जयप्रकाश के अनुसार अभी दो आरोपी मदन व महेश फरार हैं। संदिग्ध ठिकानों पर पुलिस दबिश दे रही है। इस साल सूदखोरों से परेशान होकर लक्ष्मणगढ़ के एक युवक ने मौत को गले लगा लिया था। जबकि पिछले साल सूदखोरी में शहर के जावेद व पवन बूबना की मौत हो चुकी है। तीनों ही प्रकरणों में पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हो पाई है और मौत की गुत्थी उलझी पड़ी है।
शादी के रुपयों से चुकाया कर्जा
मुकेश के धर्म के माता-पिता से जब उसकी हालत देखी नहीं गई तो उन्होंने अपनी जेब से सूदखोरों को रुपए चुकाए। जबकि उनकी खुद की लडक़ी की शादी होने वाली है और उन्होंने यह रुपए उसके लिए संभाल कर रखे थे। पीडि़त ने बताया कि उसको किश्त के तौर पर प्रतिदिन सूदखोरों को 20 हजार व 40 हजार के बदले 400 से लेकर 900 रुपए तक चुकाने पड़ते थे। फिनायल पीने और अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी एक सूदखोर का फोन मुकेश के पास आ रहा था। लेकिन, डर के कारण उसने फोन रिसीव नहीं किया बताया।