पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लोक परिवहन सेवा बसों से राजस्थान में 80 लोगों की मौत हुई है। जिनमें सबसे ज्यादा हादसे सीकर में होने के कारण यहां 21 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा घायल 52 भी यहीं हुए हैं। इसके बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर बीकानेर व झुंझुनूं जिले रहे हैं। यहां दोनों जिलों में मिलाकर 22 लोगों की मौत शािमल है। इनके परिचालकों की लापरवाही के कारण सबसे ज्यादा मुकदमे भी सीकर में दर्ज करवाए गए हैं।
207 लोग हो चुके हैं घायल
लोक परिवहन बसों की तेज गति के कारण प्रदेश में जख्मी होने वालों की संख्या 207 है। जिनमें कइयों के हाथ-पैर और शरीर के बाकी हिस्से अंग-भंग हो गए थे। हालांकि राज्य के 14 जिले ऐसे भी हैं। जहां इन बस मालिकों के खिलाफ किसी एक ने भी मुकदमा दर्ज करा रखा हो।
मच गई थी चीख-पुकार
लोक परिवहन बस के चालकों द्वारा कई बार लापरवाही बरतने की बात सामने आ चुकी है। घटना के बाद घायलों में चीख-पुकार मची है और कइयों ने इन्हें कोसा है। लेकिन, पुलिस व प्रशासन की अनदेखी के कारण ये लोग साफ तौर पर बच निकले। जबकि इनमें कइयों के पास चालक का लाइसेंस नहीं था और कई नशे में गाड़ी दौड़ा रहे थे। जो कि, घटना के बाद मौके से फरार हो गए।
सीकर में हुआ था सबसे बड़ा एक्सीडेंट
राजस्थान में लोक परिवहन बसों के कारण वर्ष 2018 का सबसे बड़ा एक्सीडेंट सीकर जिले में हुआ है। 3 जनवरी 2018 को सीकर के गांव रोलसाहबसर में लोक परिवहन बस व ट्रोले के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। बेकाबू होकर तेज रफ्तार में दौड़ रही लोक परिवहन बस दो हिस्सों में बंट गई थी।