जीप चालक की लापरवाही ही हादसे की वजह
सीकर पुलिस मान रही है कि शुक्रवार सुबह नौ बजे गांव भादवाड़ी जिस जगह पर हादसा हुआ वहां रोड इंजीनियरिंग का कोई मामला नहीं है। सडक़ सही है और कोई चढ़ाई या मोड़ भी नहीं है। सबसे बड़ी वजह जीप चालक की लापरवाही ही मानी जा रही है।
सामने से ट्रक अपनी दिशा में था और जीप ही उसमें सामने से आकर भिड़ी है। जीप में आगे की सीट पर तीन महिलाएं व चालक था जबकि यहां चालक समेत दो लोग ही बैठ सकते हैं। चार लोग बैठे होने के कारण चालक जीप को ढंग से मोड़ ही नहीं पाया और वह ट्रक से भिड़ गई। जीप काफी स्पीड में थी इस वजह से भी चालक उसे नियंत्रित नहीं कर पाया। अगर आगे की सीट पर चार लोग नहीं होते तो चालक के पास काबू में करने का मौका हो सकता था।
…और सडक़ पर बिखर गई रोटियां
सभी महिलाएं अपने घरों से ही खाना लेकर रवाना हुई थी। सबके पास अपना अपना टिफिन था। हादसे के बाद रोड पर दूर तक रोटियां बिखरी पड़ी थी। जिन्हें देखकर लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए।
आखिर कैसे हुई सात की मौत?
पुलिस का कहना है कि जीप की जो हालत है उससे देखकर नहीं लगता कि इसमें सात लोगों की मौत हो सकती है। पीछे की तरफ से जीप पूरी तरह सुरक्षित है। इतने लोगों की मौत का सबसे बड़ा कारण है बहुत जोर से टक्कर लगना हो सकता है। ऐसे में साफ है कि ट्रक भी बहुत स्पीड में था। जिससे इतनी तेज भिड़ंत हुई की आगे बैठे चार लोगों के अलावा पीछे बैठे लोग भी आगे आकर टकराए और सिर में गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हो गई।
मृतकों के नाम
हादसे में कांवट के सैनी मोहल्ले की केसरी देवी(56) पत्नी रूड़मल सैनी, सरस्वती देवी (55) पत्नी कानाराम सैनी व रुकमा देवी (58) पत्नी गंगूराम सैनी की मौके पर ही मौत हो गई। जीप चालक जगदीश मंगावा ने श्रीमाधोपुर अस्पताल में दम तोड़ दिया। इनके अलावा कांवट की संतरा देवी(40) पत्नी राजेंद्र सैनी व शांति देवी(55) पत्नी बंशीधर सैनी व कमला (55) पत्नी गोपाल सैनी की जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई।
हादसे में घायल
हादसे में मोहनी, गोकली, सुशीला, मेवा, दाखली, कुसुम, सुरेन्द्र, पारवती व मान्टी सहित 13 लोग घायल हैं। जिनका जयपुर में इलाज चल रहा है। जयपुर रैफर की गई भारती पुत्री गीगाराम सैनी की हालात गंभीर बनी हुई है।