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आंतकियों से मुठभेड़ में लगी तीन गोलियां, 7 माह बाद फिर उसी जगह ड्यूटी पर जाने का जुनून

locationसीकरPublished: Feb 20, 2019 09:40:41 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

आंतकियों से मुठभेड़ में एक के बाद एक करके तीन गोलियां लगी, छह माह में उपचार करवाकर अब ठीक हो गए, लेकिन जज्बा कम नहीं हुआ।

Mahendra bhamu
योगेश पारीक/फतेहपुर। अजब का जोश, जूनून व जज्बा देखने को मिलता है भारतीय सेना के जवानों का। आंतकियों से मुठभेड़ में एक के बाद एक करके तीन गोलियां लगी, छह माह में उपचार करवाकर अब ठीक हो गए, लेकिन जज्बा कम नहीं हुआ। फतेहपुर का यह जवान अब भी उसी जगह पर जाकर आंतकियों से लोहा लेने की बात कर रहा है। जबकि सेना उस जवान को अब बरेली भेजना चाहती है। यह जवान है फतेहपुर के वार्ड न. 4 निवासी हवलदार महेन्द्र भामू।
मुठभेड़ की कहानी जवान की जुबानी
महेंद्र के अनुसार, 10 जुलाई 18 को सौंपियां के पास कुडंलन गांव में एक मकान में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। कंपनी कमांडर के आदेश पर वे अपने साथियों के साथ रात दो बजे हमने कार्रवाई शुरू की।
आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। हमारी ओर से भी कांउटर फायरिंग शुरू की गई। इसी दौरान हमारे एक साथी के गोली लग गई, उसे अस्पताल भिजवाया गया। लगातार फायरिंग चलती रही इस दौरान हमारे एक अन्य साथी के गोली लग गई। फिर हुई फायरिंग में हमने दो आतंकियों को मार गिराया।
एक आतंकी वहीं छिपा हुआ था वह फायरिंग कर रहा था। उसके बाद आतंकी ने पहली मंजिल से फायरिंग शुरू की इस दौरान तीन गोलियां मेरे बाएं पैर में लग गई। मुझे वहां से अस्पताल पहुंचाया गया। सुबह 11 बजे तक मुठभेड़ चली। फिर तीसरा आतंकी भी मारा गया। आतंकी के पास से दो एके 47 मिली। इसके अलावा कई अन्य सामान भी बरामद हुआ। यूनिट के 250 जवान ऑपरेशन में शामिल थे। वह उनमें सबसे अगले छोर पर था।
सेना से बिल्कुल भी लगाव नहीं है जनता का
करीब ढाई साल जम्मू कश्मीर में कार्यरत रहे महेन्द्र भामू का कहना है कि वहां की जनता को सेना से बिल्कुल लगाव नहीं है। वहां के लोग मानते है कि सेना उसके पक्ष में नहीं है जबकि सेना उनका भला ही करती है।
ऑपरेशन के दौरान वह हर वो प्रयास करते है जिससे सेना परेशान हो सके। ऑपरेशन के दौरान पत्थरबाज पत्थर फेंकना शुरू कर देते हैं। किसी मकान के पास बैठते हैं या लेटते हंै तो गर्म पानी गिरा देते है।
फिर वहीं जाने की इच्छा
महेन्द्र भामू का कहना है कि वे अब स्वस्थ हैं और फिर से जम्मू में ही पोस्टिंग चाहते हैं। हालांकि सेना ने उन्हें बरेली के लिए आदेशित किया है।

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