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किसानों को चने में ‘चैन’…समर्थन मूल्य से बाजार में बिक रहा महंगा

किसानों को मिल रहे प्रति क्विंटल छह सौ रुपए से ज्यादा जिले में 57 हजार हेक्टेयर में बोया गया है चना सीकर. रबी सीजन की दूसरी प्रमुख फसल चना उत्पादक किसानों के लिए राहत की खबर है। वजह चना के बाजार भाव समर्थन मूल्य से ज्यादा होना है। जिससे किसानों को प्रति ​क्विंटल छह सौ […]

सीकरMay 01, 2024 / 11:47 am

Puran

किसानों को मिल रहे प्रति क्विंटल छह सौ रुपए से ज्यादा

जिले में 57 हजार हेक्टेयर में बोया गया है चना

सीकर. रबी सीजन की दूसरी प्रमुख फसल चना उत्पादक किसानों के लिए राहत की खबर है। वजह चना के बाजार भाव समर्थन मूल्य से ज्यादा होना है। जिससे किसानों को प्रति ​क्विंटल छह सौ रुपए से ज्यादा का फायदा हो रहा है। बाजार में चना के भाव 6200 रुपए और समर्थन मूल्य पर चना के भाव 5440 रुपए चल रहे हैं। ऐसे में किसान समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए सरकारी काउंटर पर आने की बजाए मंडियों में जा रहे हैं। यही कारण है कि पंजीयन के बावजूद जिले में चना की सरकारी खरीद नाममात्र की भी नहीं हुई है। जिले में रबी सीजन के दौरान 57 हजार हेक्टैयर में चना की बुवाई की गई है। प्रदेश में चना खरीद के लिए 4,52,365 मी​िट्रक टन के लक्ष्य रखा गया है।

गुणवत्ता बेहतर

किसानाें के अनुसार बुवाई से लेकर अब तक अनुकूल मौसम के कारण चना की गुणवत्ता पिछले कई सालों की तुलना में बेहतर है। वहीं समर्थन मूल्य के मापदंड और भुगतान में देरी की आशंका से किसान पंजीयन के बावजूद समर्थन मूल्य काउंटरों तक नहीं पहुंच रहे हैं। व्यापारियों की माने तो स्टॉकिस्ट के सक्रिय होने से भावों में उछाल आता जा रहा है। व्यापारियों की माने तो स्टॉकिस्ट के लक्ष्य पूरे होने के बाद आगामी दिनों में चना के भाव गिरने के आसार है।

बढ़ाई पंजीयन सीमा

समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद के लिए नोडल एजेंसी राजफैड ने कृषक पंजीयन सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया है। जिससे प्रदेश में चना व सरसों के लिए 68, 386 किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। केन्द्र सरकार की ओर से इस बार सरसों व चना का समर्थन मूल्य 5650 रुपए एवं 5440 रुपए प्रति ​क्विंटल तय किया गया है।

इनका कहना है

जिले में समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 21 खरीद केन्द्र बनाए हैं। इन खरीद केन्द्रों पर चना की खरीद शून्य है। समर्थन मूल्य पर चना बेचने के लिए जिले के 2193 किसानों ने अब तक पंजीयन करवाया है। वहीं 561 किसानों ने समर्थन मूल्य पर सरसों बेची है।
महेन्द्रपाल सिंह, उपरजिस्ट्रार सहकारी समितियां सीकर

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