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पत्नी को बचाने के लिए पति ने भी लगा दी जान की बाजी, एक साथ उठी दोनों की अर्थी

locationसीकरPublished: Sep 01, 2018 02:42:26 pm

Submitted by:

vishwanath saini

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Churu Husband Wife Died From Electric Shock

Churu Husband Wife Died From Electric Shock

सरदारशहर.
चूरू जिले के बन्धनाऊ गांव की रोही में करंट से किसान दंपति की हुई मौत के बाद शनिवार को सुबह राजकीय अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हो गए तथा बिजली निगम के अधिकारियों पर किसान दंपति के मौत का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। इस मौके पर उपस्थित भीड़ ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने व उनके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर शव को नहीं उठाया हुआ।

मामला बढ़ते देख विद्युत निगम के अधिकारी तुरंत बन्धनाऊ गांव की रोही में पहुंच कर घटना स्थल का मौका मुआयना किया तथा कस्बे के राजकीय अस्पताल पहुंचकर उपस्थित भीड़ को मुआवजे का आश्वासन दिया तब जाकर भीड़ शांत हुई और शव लेने से राजी हुए। इस प्रक्रिया में तीन घण्टे लग गए।

बलदेव सारण ने बताया कि निगम के अधिकारियों की लापरवाही से आए दिन मौत की घटनाएं हो रही है। इन दिनों क्षेत्र में चार किसानों की मौत हो चुकी है। फिर भी निगम के अधिकारी व्यवस्था को नहीं सुधार रहे है। जिसके कारण क्षेत्र के किसानों में भारी रोष व्याप्त है। भीड़ ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र व्यवस्था को नहीं सुधारा गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

ये था मामला

बन्धनाऊ निवासी गिद्धाराम जाट व उसकी पत्नी शारदा देवी अपने खेत में निनाणा कर रहे थे। इस दौरान शारदा देवी घास काट रही थी कि विद्युत पोल पर लगी लोहे की ताण की चपेट में आ गई। अपनी पत्नी को तड़पते देख गिद्धाराम भाग कर उसको तार से छुड़वाने का प्रयास किया तो वह भी चपेट में आ गया जिसके कारण दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कस्बे के राजकीय अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया। इन्होंने जताया विरोध पोस्टमार्टम के दौरान किसान सभा के प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी, पालिका में प्रतिपक्ष के नेता राजकरण चौधरी, कांग्रेस के देहात अध्यक्ष ताराचन्द सारण, डेयरी अध्यक्ष लालचन्द मूंड, किसान नेता बलदेव सारण, अब्दुल रसीद चायल, भूमि विकास बैंक के चेयरमैन ईशरराम डूडी, सूरजाराम थालोड़, मण्डी के निवर्तमान अध्यक्ष इन्द्राज सारण, मनीराम सारण सहित बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने विरोध जताया।

गांव में नहीं खुली दुकानें

गांव में हुई किसान दंपति की मौत के बाद शनिवार को गांव में एक भी दुकान नहीं खुली तथा मौहल्ले में कई घरों में चूल्हे तक नहीं चले। एक साथ उठी दंपती की अर्थी पोस्टमार्टम के बाद जब शव बन्धनाऊ गांव पहुंचे तो घर में कोहराम मंच गया। गिद्धाराम और शारदादेवी की मौत से उनकी तीन बेटिया व एक बेटे पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वही गिद्धाराम के बुजुर्ग माता-पिता भी बेटे व बहू के शवों को देखकर बेसुध हो गए। वे कभी मां तो कभी पिता के चेहरे की ओर निहार कर फूट-फूटकर रो पड़ते थे। दम्पती की अर्थी जब एक साथ उठी, तो वहां मौजूद लोगों की भी आंखें छलक पड़ी। दोनों का गांव के श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार हुआ।

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