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प्रदेश में जन्माष्टमी के अवकाश को लेकर सोशल मीडिया पर बनता रहा सरकार का मजाक

locationसीकरPublished: Aug 24, 2019 03:29:01 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

प्रदेश में जन्माष्टमी के अवकाश ( Holiday of Krishna Janmashtami in Rajasthan ) को एनवक्त पर रद्दो बदल करने का सरकारी फैसला शुक्रवार को जिले के हजारों विद्यार्थियों पर भारी पड़ गया।

जन्माष्टमी के अवकाश को लेकर सोशल मीडिया पर बनता रहा सरकार का मजाक

जन्माष्टमी के अवकाश को लेकर सोशल मीडिया पर बनता रहा सरकार का मजाक

सीकर.

प्रदेश में जन्माष्टमी के अवकाश ( Holiday of Krishna Janmashtami in Rajasthan ) को एनवक्त पर रद्दो बदल करने का सरकारी फैसला शुक्रवार को जिले के हजारों विद्यार्थियों पर भारी पड़ गया। शनिवार की बजाय शुक्रवार के अवकाश के आदेश की प्रतिलिपी सोशल मीडिया ( Social Media ) पर रातों रात वायरल होने पर ज्यादातर शिक्षकों ने तो अवकाश मना लिया। लेकिन, देर रात हुए फैसले की जानकारी बच्चों तक नहीं पहुंचने पर वे स्कूल पहुंच गए। स्कूल बंद मिलने पर ज्यादातर स्कूलों में बच्चे देर तक बाहर खड़े शिक्षकों का इंतजार करते रहे, तो बहुत सी स्कूलों में बच्चे खेलकूद कर वापस लौट गए। हालांकि कुछ स्कूलों में शिक्षक भी पहुंचे, जिन्होंने बच्चों को अवकाश की जानकारी देकर घर लौटाया। उधर, बच्चों के लिए दूध लेकर पहुंचे दूध विक्रता भी शिक्षकों के इंतजार में समय खपाते नजर आए। उधर, आधी रात को छुट्टी में बदलाव के फैसले पर सरकार सोशल मीडिया पर भी दिनभर शिकार रही।

अवकाश की गफलत स्कूल में दूध लेकर पहुंचे विक्रेताओं के लिए भी परेशानी का सबब बनी रही। अवकाश की सूचना नहीं होने पर वह भी रोजाना की तरह स्कूल में दूध लेकर पहुंच गए। जहां बच्चों को स्कूल में देखकर वह भी देर तक शिक्षकों का इंतजार करते रहे। लेकिन, जब उन्हें भी छुट्टी की जानकारी मिली तो वह भी दूध साथ लेकर वापस लौटे। 23 अगस्त की रात 24 अगस्त को जन्माष्टमी के अवकाश के आदेश पर सरकार सोशल मीडिया पर भी दिनभर घिरी रही। आदेश को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया, तो जमकर मजाक भी उड़ाया। लिखा कि ‘जन्मतिथि बदलवाने में तो कई दिन लग जाते है लेकिन राजस्थान सरकार ने तो पांच मिनट में ही भगवान कृष्ण की ही डेट ऑफ वर्थ बदल दी।’ कुछ ने लिखा स्कूल के गेट के सामने 14 लीटर दूध रखा है अब कौन पीएगा’ तो एक ने सरकार को निशाने पर रखते हुए लिखा ‘कल शिक्षक व्रत नहीं करेंगे तो पाप किसे लगेगा ’ यह भी लिखा गया कि ‘ शुक्रवार को स्कूल में बच्चे पहुंचे लेकिन शिक्षक नहीं। शनिवार को शिक्षक पहुंचेंगे बच्चे नहीं और रविवार को गुस्से में आकर ना शिक्षक पहुंचेंगे और ना ही बच्चे।


पांच अवकाश भी बदले सरकार
जन्माष्टमी का अवकाश शुक्रवार को करने के चलते सचिवालय के कर्मचारी भी आरोपों से घिर गए हैं। फाइव डे वीक में एक छुट्टी का ओर इजाफा करने के लिए जानबूझकर किया गया फैसला बताते हुए सचिवालय को दिनभर निशाने पर रखा गया। तंज कसा गया कि यदि ऐस ही छुट्टियां बढ़ानी है तो अवकाश के दिनों में पड़ रही तेजा दशमी व रामदेव जयंती, नवरात्रा स्थापना, दुर्गाष्टमी, दीपावली और बारावफात के अवकाश में भी सरकार को फेरबदल कर देना चाहिए।


कई संगठनों ने किया विरोध
एक दिन पहले रात को छुट्टी का दिन बदलने के आदेश को तुगलकी बताते हुए कई शिक्षक संगठनों ने भी इसका विरोध किया। मामले में रेसला और राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत सहित कई संगठनों ने सरकारी फैसले को एक वर्ग विशेष की स्वार्थपूर्ति का साधन बताते हुए इसकी निंदा की है।

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