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भाजपा के ‘बाबा’ का गठबंधन के अमराराम से तगड़ा मुकाबला, समीकरण में बदलाव के संकेत

LokSabha Chunav 2024 : जाट सियासत का केंद्र माने जाने वाले सीकर लोकसभा क्षेत्र में कई सीटों पर समीकरण अब बदले हुए हैं। इस सीट का चुनावी मिजाज जानने दूसरे राउंड में झुंझुनूं से सीकर लोकसभा क्षेत्र के कुछ गांवों में पहुंचा तो लगा कि मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।

सीकरApr 17, 2024 / 08:36 am

Kirti Verma

युगलेश शर्मा
LokSabha Chunav 2024 : जाट सियासत का केंद्र माने जाने वाले सीकर लोकसभा क्षेत्र में कई सीटों पर समीकरण अब बदले हुए हैं। इस सीट का चुनावी मिजाज जानने दूसरे राउंड में झुंझुनूं से सीकर लोकसभा क्षेत्र के कुछ गांवों में पहुंचा तो लगा कि मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। इसका मुख्य कारण यहां के मतदाता अब राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों पर खुलकर अपनी बात कहने लगे हैं। गांवों में किसानों के मुद्दे ज्यादा चर्चा में दिखे। रसीदपुरा गांव में मिले रामेश्वर सिंह और मनफूल बोले… जाटों के पत्ते अभी खुले नहीं हैं, जाट जिस तरफ ज्यादा जाएंगे, उसका ही पलड़ा भारी होगा।
रास्ते में जगह-जगह सड़क किनारे प्याज की बोरियों के ढेर दिखे तो किसानों के मुद्दे जानने प्याज मंडी चला गया। वहां एक साथ बैठे किसानों से बात की तो खेती-किसानी से जुड़े मुद्दों की झड़ी लगा दी। मुकेश ढाका ने कहा कि किसानों को भाव कम मिल रहे हैं। राजेन्द्र ने कहा कि इस समय प्याज का निर्यात बंद नहीं होना चाहिए था। देश में प्याज की पूर्ति के लिए सरकारी स्तर पर खरीद होनी चाहिए। कैलाश ने कहा कि नासिक की तर्ज पर यहां भी प्याज पर अनुदान दिया जाना चाहिए। देखना इस बार हार-जीत में किसानों की बड़ी भूमिका रहेगी। चुनाव में किसान आंदोलन का भी असर पड़ेगा।

किसी से लगाव नहीं, काम को देखेंगे

लक्ष्मणगढ़ के युवाओं से बात की तो उनका कहना था कि देश के मुद्दे अपनी जगह हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर क्या काम हुए, इसे देखा जाएगा। रमेश ने कहा सांसद ने कई ट्रेनें चलवाई हैं तो वीरेन्द्र ने कहा कि लक्ष्मणगढ़ रेलवे स्टेशन पर रिजर्वेशन काउंटर तक नहीं है। देवीलाल भूरिया ने कहा कि कांग्रेस को गठबंधन का फायदा चूरू में भी मिलेगा। वहां भी कम्यूनिस्ट काफी हैं। बलराम ने कहा बाबा को मोदी के नाम के वोट मिलेंगे।

मेहनत में नहीं छोड़ रहे कसर

जाट बहुल होने के कारण दोनों पार्टियों ने जाट उम्मीदवार खड़े किए हैं। आठ लोकसभा चुनाव लड़ चुके माकपा के अमराराम और भाजपा के दो बार के सांसद सुमेधानंद के बीच टक्कर कांटे की है। कांग्रेस ने यहां गठबंधन कर अमराराम से हाथ मिलाया है। इस गठबंधन को भाजपा भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। वहीं कांग्रेस और माकपा अपने पुराने गढ़ में वापसी के प्रयास कर रही हैं।

कम्यूनिस्ट पार्टी का भविष्य होगा तय

यह चुनाव कम्यूनिस्ट पार्टी का शेखावाटी में भविष्य तय करेगा। माकपा को यहां पिछले तीन विधानसभा चुनाव में कोई सफलता नहीं मिली। अमराराम आठ बार लोकसभा चुनावों में उतर चुके हैं लेकिन जीत नहीं मिली। इस बार अमराराम के साथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा की साख भी दांव पर है।

सीकर ने दिग्गजों का चमकाया सितारा

सीकर लोकसभा क्षेत्र से कई दिग्गजों का भाग्योदय हुआ है। यहां से कांग्रेस के बलराम जाखड़ लोकसभा अध्यक्ष रह चुके हैं, चौधरी देवीलाल उप प्रधानमंत्री बने। महादेव सिंह खंडेला भी मंत्री रहे हैं। सुभाष महरिया अटल सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

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