script25दिन में एक कदम भी नहीं बढ़ा मेडिकल कॉलेज | 25 days to raise a step in the Medical College | Patrika News
सीकर

25दिन में एक कदम भी नहीं बढ़ा मेडिकल कॉलेज

सीकर के मेडिकल कॉलेज के काम की धार नेताओं के श्रेय की माला में उलझकर कुंद हो रही  है। घोषणा के 25 दिन

सीकरApr 25, 2016 / 02:57 am

मुकेश शर्मा

sikar

sikar

सीकर।सीकर के मेडिकल कॉलेज के काम की धार नेताओं के श्रेय की माला में उलझकर कुंद हो रही है। घोषणा के 25 दिन बाद कार्य प्रगति की स्थिति को देखा जाए तो जो कुछ जहां था वहीं ठहरा है। अभी तक महज राजस्थान सरकार के मेडिकल एजूकेशन के सचिव ने टीम सहित सीकर का दौरा कर भवन की स्थिति देखी है। हालात यह हैं कि अभी तक ना तो मेडिकल कॉलेज की जमीन सरकार के नाम हुई और ना ही दानदाता ट्रस्ट और सरकार के बीच एमओयू को अंतिम रूप दिया गया। जबकि मेडिकल कॉलेज के काम को गति देने के लिए किया जाने वाला पहला कार्य भूमि रुपांतरण ही है। काम की यह ढीली गति मेडिकल कॉलेज को धरातल पर लाने में तो देरी करेगी ही। जनता को भी इसका फायदा देरी से ही मिलेगा।

नामांतरण के बाद डीपीआर

कल्याण आरोग्य सदन की ओर से सांवली में निर्माणाधीन भवन वैसे तो मेडिकल कॉलेज के मापदंडों के आधार पर ही तैयार किया जा रहा है। लेकिन अब सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए भवन दिए जाने की घोषणा के बाद आगे के कार्य सरकारी स्तर पर ही तय होने हैं। किसी भी सरकारी कार्य का बजट डीपीआर के आधार पर ही तय होता है। जानकारों का मानना है सरकार के नाम भूमि का रुपांतरण हुए बिना डीपीआर नहीं बनाई जा सकती। डीपीआर के आधार पर ही केन्द्र सरकार से बजट की मांग की जा सकती है।

एमसीआई को चाहिए सब कुछ अच्छा


मेडिकल कॉलेज को शुरू करने के लिए सर्वाधिक आवश्यकता एमसीआई की अप्रूवल की होती है। एमसीआई की टीम मान्यता देने से पहले मेडिकल कॉलेज के भवन, भूमि, अस्पताल व अन्य संसाधनों की स्थिति देखती है। सब कुछ मापदंडों के अनुरूप होने पर ही मान्यता दी जा सकती है। सांवली रोड स्थित मेडिकल कॉलेज के भवन की निर्माण स्थिति देखें तो एमसीआई की अप्रूवल मिलने पर इसी वर्ष मेडिकल कॉलेज में फस्र्ट ईयर का बैच शुरू किया जा सकता है।

आगे सरकार का काम

सीकर में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति में कल्याण आरोग्य सदन ट्रस्ट का बड़ा योगदान है। आरोग्य सदन के मंत्री कांताप्रसाद मोर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए ट्रस्ट हर संभव सहयोग करने को तैयार है। ट्रस्ट ने मेडिकल कॉलेज के लिए बनाए गए भवन के अलावा 20 एकड़ जमीन देने की घोषणा कर दी है। सरकार और ट्रस्ट के बीच अभी एमओयू फाइनल नहीं हुआ है। एेसे में भूमि का नामांतरण भी नहीं करवाया जा सका है। ट्रस्ट ने तो अपनी ओर से घोषणा कर दी। अब आगे सरकार का काम है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो