इस बार हाथियों ने रात्रि में घोघी गांव में उन घरों को निशाना बनाया जो कि रेस्क्यू दल द्वारा घोघी गांव मेें बनाए गए कैंप से महज करीब 100 से 200 मीटर की दूरी पर थे। ग्रामीणों ने हाथियों के हमले पर शोर-शराबा किया तो रेस्क्यू दल के सदस्य वहां पहुंच गए और आपरेशन शुरू कर दिया, जिससे बिगड़ैल हाथी अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल की ओर भाग गए।
ये है मामला
शेष बचे 3 हाथियों को ट्रेंकुलाइज करने के लिए रेस्क्यू आपरेशन गुरुवार को सातवें दिन भी जारी रहा। हाथियों को कब्जे में लाने के लिए लगातार प्रयास के बाद भी रेस्क्यू दल को सफलता नहीं मिल पा रही है। जिससे दल प्रभारियों द्वारा बांधवगढ़ से तीन और प्रशिक्षित हाथी लाए गए हैं। ये हांथी बुधवार की शाम रेस्क्यू दल के पास पहुंच गए हैं। अब प्रशिक्षित हाथियों की संख्या 10 के करीब हो गई है।
शेष बचे 3 हाथियों को ट्रेंकुलाइज करने के लिए रेस्क्यू आपरेशन गुरुवार को सातवें दिन भी जारी रहा। हाथियों को कब्जे में लाने के लिए लगातार प्रयास के बाद भी रेस्क्यू दल को सफलता नहीं मिल पा रही है। जिससे दल प्रभारियों द्वारा बांधवगढ़ से तीन और प्रशिक्षित हाथी लाए गए हैं। ये हांथी बुधवार की शाम रेस्क्यू दल के पास पहुंच गए हैं। अब प्रशिक्षित हाथियों की संख्या 10 के करीब हो गई है।
हाथियों को अभी तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है क्योंकि इस दल में अभी तक सात हाथी शामिल थे। जिसमें दो हाथी संजय टाइगर रिजर्व के तथा पांच हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से शुरू में ही लाए गए थे। वहीं ट्रेंकुलाइज किए गए दो हाथियों को अभी तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है, जंजीर में जकड़े इन हाथियों के लिए भोजन का इंतजाम भी विभाग द्वारा किया जा रहा है। जिसमें उन्हें गन्ना व गुड़ का सेवन कराया जा रहा है।
इनके घर किए धराशाई
बुधवार-गुरुवार की रात बिगड़ैल हांथियों द्वारा घोघी गांव निवासी रितेश सिंह गहरवार, गिरधर सिंह चंदेल तथा लक्ष्मण यादव के घरों मे हमला कर उनके घर को आंशिक रूप से धराशाई किया। हालांकि ग्रामीणों के हल्ला मचाने पर रेस्क्यू दल के सदस्य वहां पहुंच गए और हांथियों को खदेड़ दिया जिससे ये हांथी अनाज व घर की सामग्री छतिग्रस्त नहीं कर पाए।
बुधवार-गुरुवार की रात बिगड़ैल हांथियों द्वारा घोघी गांव निवासी रितेश सिंह गहरवार, गिरधर सिंह चंदेल तथा लक्ष्मण यादव के घरों मे हमला कर उनके घर को आंशिक रूप से धराशाई किया। हालांकि ग्रामीणों के हल्ला मचाने पर रेस्क्यू दल के सदस्य वहां पहुंच गए और हांथियों को खदेड़ दिया जिससे ये हांथी अनाज व घर की सामग्री छतिग्रस्त नहीं कर पाए।