शुक्रवार को सुबह सीरनी, दरूद फातिया का आयोजन किया गया। यहां दिन भर दीन ए इलाही की दुआ और फातिया सहित विविध कार्यक्रम आयोजित होते रहे। अपराह्न करीब 5 बजे से लंगर, ढोल-तासा का आयोजन किया गया। शाम करीब 7.30 बजे से ताजिया एकत्रित होकर ढोल-तासे के साथ बेलबाग होते हुए लालता चौक स्थित इमाम बाड़े के पास पुन: रखी गई। यहां पर पुन: दरूद फातिया का आयोजन किया गया। मोहर्रम के इस पर्व पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल होकर परंपरागत तरीके से मोहर्रम का पर्व मनाए।
लाठी-पटे का हुआ आयोजन
मोहर्रम पर्व में ताजिया निकाले जाते समय लाठी-पटा खेलने की पुरानी परंपरा रही है। इस आयोजन में खासकर युवा वर्ग लाठी-पटा के आयोजन मे विशेष रूचि दिखाते हुए प्रदर्शन किए। यह प्रदर्शन कत्ल की रात को ताजिया छोटे चबूतरे से बड़े चबूतरे ले जाते समय तथा मोहर्रम के दिन ताजिया उसालते समय किया गया।
मोहर्रम पर्व में ताजिया निकाले जाते समय लाठी-पटा खेलने की पुरानी परंपरा रही है। इस आयोजन में खासकर युवा वर्ग लाठी-पटा के आयोजन मे विशेष रूचि दिखाते हुए प्रदर्शन किए। यह प्रदर्शन कत्ल की रात को ताजिया छोटे चबूतरे से बड़े चबूतरे ले जाते समय तथा मोहर्रम के दिन ताजिया उसालते समय किया गया।
संस्कारों का आयोजन
जामा मस्जिद के पास इमाम बाड़ा के बड़े चबूतरे के पास रविवार को दिन भर शहर की दोनों ताजियां रखी रहीं। यहां मुस्लिम भाइयों द्वारा अपने बच्चों के मुंडन आदि संस्कार करवाए। ताजिया में समुदाय के लोगों द्वारा सिन्नी आदि चढ़ाई गई।
जामा मस्जिद के पास इमाम बाड़ा के बड़े चबूतरे के पास रविवार को दिन भर शहर की दोनों ताजियां रखी रहीं। यहां मुस्लिम भाइयों द्वारा अपने बच्चों के मुंडन आदि संस्कार करवाए। ताजिया में समुदाय के लोगों द्वारा सिन्नी आदि चढ़ाई गई।
तैनात रही पुलिस
मोहर्रम के दौरान शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। ताजिया ले जाते समय व शुक्रवार को दिन भर जामा मस्जिद के पास बड़ी संख्या में बल तैनात रहा। शाम को जामा मस्जिद से लालता चौक तक भी यातायात व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस ने काफी मशक्कत की गई।
मोहर्रम के दौरान शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। ताजिया ले जाते समय व शुक्रवार को दिन भर जामा मस्जिद के पास बड़ी संख्या में बल तैनात रहा। शाम को जामा मस्जिद से लालता चौक तक भी यातायात व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस ने काफी मशक्कत की गई।