1996 में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह कांग्रेस से विमुख होकर तिवारी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। देश के कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि तिवारी कांग्रेस सिर्फ सीधी संसदीय सीट से चुनाव जीतने में सफल हो पाई थी। तिलकराज सिंह राजू भाजपा प्रत्याशी मानिक सिंह को महज 8204 मत से परास्त करते हुए सांसद बने थे। पार्टी के संस्थापक माने जाने वाले अर्जुन सिंह खुद 1996 में सतना लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे, जहां उन्हें बसपा प्रत्याशी सुखलाल कुशवाहा से हार का सामना करना पड़ा था।
जानकार बताते हैं कि वीपी नरसिंहा राव सरकार से नाराज होकर अर्जुन सिंह ने एनडी तिवारी व शीला दीक्षित की अगुवाई में तिवारी कांग्रेस नाम से राजनीतिक दल का गठन किया था। 1996 के चुनाव में तिवारी कांग्रेस को देश में महज चार सीट ही मिली थी। तत्कालीन अविभाजित मप्र से सीधी से तिलकराज सिंह, लोकसभा सीट झुनझुन राजस्थान से शीशराम ओझा, टिहरी लोकसभा सीट उत्तराखंड से सतपाल महाराज, हल्द्वानी लोकसभा सीट उत्तराखंड से नारायणदत्त तिवारी ही जीत सके थे।
सीधी संसदीय सीट में सबसे ज्यादा मतों के प्रतिशत से निर्दलीय प्रत्याशी राव रणबहादुर सिंह जीते थे। रणबहादुर सिंह को 71.06 प्रतिशत वोट मिले थे। उसके बाद दूसरा नाम कांग्रेस सांसद मोतीलाल सिंह 61.8 प्रतिशत, तीसरा नाम भारतीय लोक दल प्रत्याशी सूर्य नारायण सिंह 55.97 प्रतिशत, चौथा नाम रीती पाठक का है। रीती विगत 2019 के लोकसभा चुनाव में 54.44 प्रतिशत मत पाकर सांसद बनी थीं।
सीधी संसदीय सीट में तीन बार उपनिर्वाचन भी हो चुका है। 1955 में मानचंद्र जोशी, 1977 में रविनंदन सिंह व 2007 में मानिक सिंह सांसद निर्वाचित हो चुके हैं।